अल्मोड़ा यहां वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता संजय पांण्डे ने आज जिलाधिकारी अल्मोड़ा से नवीन कलक्ट्रेट पांण्डेखोला स्थित उनके कार्यालय में जाकर मुलाकात की उन्होंने कहाँ की और उन्हें विभिन्न समस्याओं से सम्बंधित प्रार्थना पत्र सौंपा उन्होंने कहा अल्मोड़ा नगर एक प्राचीन नगर है, जिसके आस पास तमाम राजनैतिक सामाजिक व्यवसायिक गतिविधियाँ होती रही है, वर्तमान में नगर मुख्यालय जिलाधिकारी कार्यालय व् अन्य ऑफिस नगर से पांच किलोमीटर दूर स्थानांतरित हो गये है,स्थानान्तरण के बाद यहाँ पर आपके द्वारा एक कैंप कार्यालय स्थापित किया गया था, जिसके लिए सामाजिक कार्यकर्ता ने पूर्व में प्रार्थनापत्र भी दिया था| इससे लोगों को काफी लाभ भी प्राप्त हो रहा था, लेकिन पिछले कुछ समय से ये व्यवस्था बंद कर दी गयी है| जिससे लोगों को एक प्रार्थना पत्र देने के लिए भी पांच किलोमीटर दूर आकर अपना पूरा दिन खर्च करना पड़ रहा है| इसके बाद भी यह स्पष्ट नही है की अधिकारी मिलेंगे या नहीं ऐसी स्थिति में जब संग्रहालय पुराने कलक्ट्रेट में स्थानांतरित हो रहा है, तब संग्रहालय भवन में या पुराने प्रार्थना पत्र जमा करने व सप्ताह में कम से कम दो दिन लोक सुनवाई सुनिश्चित की जाय साथ ही कहा की विक्टर मोहन जोशी महिला चकित्सालय में आपरेशन की सुविधा होने के बाबजूद गर्भवती महिलाओं को रेफर कर दिया जाता है, यह उनके जीवन के साथ खिलवाड़ है|
पंडित हर गोविन्द पन्त जिला चकित्सालय अल्मोड़ा में स्टाफ नर्स की कमी है जिससे वहां स्वास्थ्य सेवाओं पर बुरा असर पड़ रहा है,साथ ही जिला चिकित्सालय में सिटी स्कैन मशीन भी लगायी जाय जिससे लोगों को इसके अभाव में बाहर न जाना पड़े,इस समय अल्मोड़ा में दो आक्सीजन प्लांट ( पंडित हर गोविन्द पन्त जिला चिकित्सालय और बेस चकित्सालय ) में काम कर रहे है पर दोनों में से किसी एक में भी बूस्टर नहीं लगा है| जिस कारण आक्सीजन गैस का सिलिंडर खत्म होने पर लोगों को हल्द्वानी या रूद्रपुर इसे रिफिल करवाने के लिए भेजना पड़ता है जिसमें समय व् धन की बर्बादी होती है|
इन दिनों नगर में बंदरों का आतंक छाया हुआ है इस सम्बन्ध में एक शिकायत मुख्यमंत्री हेल्प लाइन में भी काफी समय से लंबित है,जिसकी शिकायत संख्या 287479 है। वन विभाग के अधिकारी इस पर कोई खास दिलचस्पी नहीं दिखा रहे है इस मामले पर प्रभागीय वनाधिकारी महातिम यादव जी को भी शिकायती पत्र लिखा जा चूका है, पर इस पर अभी तक कोई भी कारवाही नहीं हुई है, और न ही विभाग द्वारा इसकी कोई जानकारी मुझे उपलब्ध करायी गयी है|
सूत्रों से पता चला है की बंदरों को गाडियों में भर भर कर पहाड़ी क्षेत्रों में भेजा जा रहा है कई बार मैंने स्वयं अपनी आँखों से बंदरों को ट्रक से उतारते हुए देखा है ये लोग बंदरों को ऐसी जगह पर छोड़ते है जहाँ पर आसानी से इन्हें कोई देख नहीं पाता है ये कटखने बंदर राह चलते आम लोगों पर उनके घरों में घुस कर हमला कर रहे है बड़े आश्चर्य की बात है जगह जगह वन विभाग की चोकिया है फिर भी इन बंदरों को जनपद की सीमाओं पर कैसे छोड़ा जा रहा है वन विभाग के अधिकारी व् कर्मचारी इन गाड़ियों की चेकिंग नहीं करते है जिस कारण ये बेरोक टोक बंदरों को आसानी से ट्रकों में लाकर सुनसान जगह पर छोड़ देते है| सामाजिक कार्यकर्ता संजय पांण्डे ने कहा कि एक तरफ इन दिनों अल्मोड़ा पुलिस द्वारा नशे के खिलाफ अभियान चलाया हुआ है जो की सराहनीय है वही दूसरी तरफ मद्य निषेध विभाग भी पूर्व में नशे के खिलाफ जन जागरूकता कार्यक्रम चलाकर लोगों को जागरूक किया करते थे किन्तु वर्तमान समय में विभाग द्वारा कोई भी कारवाही नहीं हो रही है| अब अल्मोड़ा नगर में नशे से सम्बंधित एक भी पोस्टर या बैनर विभाग द्वारा नहीं लगाये गये है, नशे के खिलाफ मद्य निषेध विभाग को फिर से सक्रिय किया जाय|
इन दिनों नाबालिग बच्चे बैगर हैलमेट के सरपट दुपहिया वाहनों को दौड़ा रहे है जिन पर पुलिस विभाग द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है साथ ही और भी दुपहिया वाहन है जो ओवर स्पीड से चल रहे है जिनसे कई लोग चोटिल हो गये है अतः इन पर अतिशीघ्र ठोस कारवाही की जाय जिससे पैदल चलने वाले व्यक्ति आसानी से आ जा सके,इस पर जिलाधिकारी ने सभी विभागों से इस संबंध बात कर के इस पर ठोस व उचित कारवाही करने की बात कही इस पर सामाजिक कार्यकर्ता संजय पांण्डे ने पूरे अल्मोड़ा नगर की ओर से जिलाधिकारी का आभार व्यक्त किया इस दौरान इनके साथ सामजिक कार्यकर्ता देव सिंह भी मौजूद थे,सामाजिक कार्यकर्ता संजय पांण्डे ने जन हित में सभी से मुख्यमंत्री हेल्प लाइन 1905 का अधिक से अधिक उपयोग करने की अपील की है।