हल्द्वानी, 05 अक्टूबर 2025।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में रविवार को एम.बी. इंटर कॉलेज मैदान, हल्द्वानी में “शताब्दी शंखनाद” नामक भव्य एकत्रीकरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर हजारों स्वयंसेवकों और नागरिकों ने भाग लेकर संघ की एकता, अनुशासन और राष्ट्रनिष्ठा का अद्भुत प्रदर्शन किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ बांसुरी वादन और कुमाऊंनी लोकगीत “दैणा होया खोली का गणेशा हे…” की मधुर ध्वनियों के बीच योग और आसन प्रदर्शन से हुआ। इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह श्री आलोक कुमार जी मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे।
विजयदशमी का महत्व और संघ का उद्देश्य
अपने संबोधन में श्री आलोक कुमार ने विजयदशमी पर्व के धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह दिन अधर्म पर धर्म, अन्याय पर न्याय और असत्य पर सत्य की विजय का प्रतीक है। उन्होंने बताया कि महिषासुर और रावण जैसे अत्याचारियों का वध इसी दिन हुआ था। इसी पावन दिन को डॉ. केशवराव बलीराम हेडगेवार जी ने संघ की स्थापना की थी।
उन्होंने कहा कि “संघ की स्थापना को 100 वर्ष पूरे हो चुके हैं और अब हम 101वें वर्ष में प्रवेश कर चुके हैं। इन वर्षों में स्वयंसेवकों ने देश और समाज के लिए जो किया है, वह नि:स्वार्थ सेवा की अनुपम गाथा है। सेवा को गाया नहीं जाता, समाज स्वयं उसे पहचान लेता है।”
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‘पंच परिवर्तन’ के माध्यम से समाज निर्माण
सह सरकार्यवाह आलोक कुमार ने कहा कि आगामी वर्षों में संघ “पंच परिवर्तन” के सिद्धांतों के माध्यम से समाज में सकारात्मक और रचनात्मक बदलाव लाने के लिए कार्य करेगा। ये पांच बिंदु हैं –
1. कुटुंब-प्रबोधन:
परिवार को समाज की मूल इकाई मानते हुए भारतीय संस्कारों, संवाद और सहयोग की भावना को पुनर्जीवित करना।
2. सामाजिक समरसता:
जाति, भाषा और क्षेत्र के भेदभाव को समाप्त कर एकत्व की भावना से समाज को जोड़ना।
3. स्व-आधारित जीवन (स्वदेशी):
आत्मनिर्भर भारत के लिए स्वभाषा, स्वभूषा और स्वसंस्कृति को अपनाना तथा कुटीर उद्योगों को बढ़ावा देना।
4. पर्यावरण संरक्षण:
जल, जंगल और जमीन की सुरक्षा के साथ प्रकृति के प्रति उत्तरदायी जीवनशैली को बढ़ावा देना।
5. नागरिक कर्तव्य बोध:
अधिकारों के साथ कर्तव्यों का पालन — जैसे ईंधन व पानी की बचत, अनुशासन, ईमानदारी और देशभक्ति को जीवन का हिस्सा बनाना।
उन्होंने कहा कि संघ का लक्ष्य है कि आने वाले 10 से 15 वर्षों में पंच परिवर्तन का यह संदेश देश के प्रत्येक घर तक पहुंचे।
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संघ का संकल्प : समाज और राष्ट्र के लिए निरंतर प्रयास
श्री आलोक कुमार ने कहा कि समाज को संगठित कर ही भारत को परम वैभव की ओर अग्रसर किया जा सकता है। उन्होंने आह्वान किया कि प्रत्येक स्वयंसेवक पहले स्वयं में परिवर्तन लाए और फिर समाज को साथ लेकर आगे बढ़े।
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कार्यक्रम में अनेक प्रमुख पदाधिकारी रहे उपस्थित
कार्यक्रम में प्रांत संघचालक डॉ. बी.एस. बिष्ट, सह प्रांत प्रचारक चंद्रशेखर, जिला संघचालक डॉ. नीलांबर भट्ट, नगर संघचालक विवेक कश्यप, वरिष्ठ स्वयंसेवक जगन्नाथ पांडेय, वेदप्रकाश अग्रवाल, सह क्षेत्र सेवा प्रमुख धनीराम, सह प्रांत प्रचार प्रमुख डॉ. बृजेश बनकोटी, सह प्रान्त बौद्धिक प्रमुख राजेश जोशी सहित अनेक गणमान्य स्वयंसेवक उपस्थित रहे।
एम.बी. इंटर कॉलेज का विशाल मैदान स्वयंसेवकों की एकरूप वेशभूषा और अनुशासित पंक्तियों से सुसज्जित था। वातावरण में देशभक्ति और संगठन की भावना का अद्भुत संचार हुआ।
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सादर,
प्रचार विभाग
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, हल्द्वानी
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