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March 3, 2025

चिंता का विषय है फैटी लीवर की बढ़ती बीमारी

News Deskby News Desk
in उत्तराखंड, देश, शिक्षा
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चिंता का विषय है फैटी लीवर की बढ़ती बीमारी
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चिंता का विषय है फैटी लीवर की बढ़ती बीमारी

( सुभाष आनंद-विनायक फीचर्स)

देश में फैटी लीवर की बीमारी जिस गति से बढ़ रही है वह निश्चित ही चिंता का विषय है । पंजाब में तो हर दसवां व्यक्ति फैटी लीवर से पीड़ित है। कई बार इस बीमारी में लिवर डैमेज का खतरा भी बना रहता है ।

फरीदाबाद मैक्स हॉस्पिटल के डॉक्टर विशाल खुराना का कहना है कि पंजाब और हरियाणा राज्यों में फैटी लीवर से पीड़ित रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है,इसका बड़ा कारण है शराब और मांस का सेवन तथा शारीरिक श्रम की कमी। अधिकतर लोग शारीरिक परिश्रम से परहेज करने लगे हैं। मोटे लोगों को अपने खान पान की आदतों में तुरंत सुधार करने की जरूरत है।

 

डॉ.विशाल खुराना का कहना है कि फैटी लीवर वाले रोगियों में शुरू में कोई खास लक्षण नहीं होते। फैटी लीवर के रोगी हमारे पास इलाज करवाने तब आते हैं जब लीवर के सिरोसिस तक पहुंच जाते हैं। उन्होंने बताया कि इसमें पेट भरा भरा महसूस करता है और प्राय: पेट में दर्द भी रहने लगता है, भूख नहीं लगती, वजन लगातार घट रहा होता है। कुछ लोगों की त्वचा में पीलापन दिखाई पड़ता है और पैरों में सूजन भी आ जाती है। फैटी लीवर बीमारी आमतौर पर मोटे लोगों में पाई जाती है।

डॉक्टर खुराना का कहना है कि कमर की परिधि 85 से 90 सेंटीमीटर तक होनी चाहिए जबकि महिलाओं के कमर की परिधि 80 से 82 सेंटीमीटर तक होनी चाहिए। फैटी लीवर से पीड़ित लोगों को सुबह 30 मिनट तक नियमित हल्का व्यायाम करना चाहिए और रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल, ट्राइग्लिसराइडस के स्तर को कंट्रोल करने के लिए हल्की डाइट प्रयोग में लाई जानी चाहिए। मोटे लोगों को वजन घटाने के लिए सुबह शाम 1 से 2 किलोमीटर की सैर अति जरूरी है।

फैटी लीवर का परीक्षण खून टेस्ट के द्वारा किया जा सकता है। पहला कारण अधिक वजन एवं मोटापा,दूसरा डायबिटीज में कमर की बढ़ी हुई परिधि और असामान्य लिपिड प्रोफाइल भी इसकी आशंका प्रकट करते हैं।

डॉ. विशाल खुराना का कहना है कि पंजाब में जिस तरह यह बीमारी लगातार फैलती जा रही है वह बेहद चिंता का विषय है । पंजाबी लोग खाने में देसी घी का प्रयोग हद से ज्यादा कर रहे हैं जो कि फैटी लिवर के रोगियों के लिए जहर से कम नहीं है।

डॉक्टर खुराना का कहना है कि साधारण स्टिटोटिस में केवल 10 प्रतिशत वसा लीवर में मौजूद होती है लेकिन लिवर फाइब्रोसिस और सिरोसिस में लिवर सख्त हो जाता है और सिकुड़ जाता है, यह सबसे गंभीर अवस्था है। फाइब्रोसिस के स्तर का मूल्यांकन और इनवोसिव परीक्षणों द्वारा किया जा सकता है ,जिसमें रक्त परीक्षण और फाइब्रोस्कैन जैसे विशेष स्कैन मौजूद हैं।

कई बार लिवर सिरोसिस लिवर कैंसर में भी बदल सकता है। डॉ. विशाल खुराना का कहना है कि लीवर में फैट से बचने के लिए रेगुलर व्यायाम की अति जरूरत है। लोगों को मांस और शराब के प्रयोग से परहेज करना चाहिए ,कई बार पीलिया होने के कारण यह संकेत मिलने शुरू हो जाते हैं कि लीवर लगातार कमजोर हो रहा है ,अंत में इससे पाचन शक्ति भी कमजोर पड़नी शुरू हो जाती है।

डॉक्टर खुराना का कहना है कि फैटी लीवर के रोगियों को तली हुई चीजों से परहेज करना चाहिए ,वहीं बाहर की चीज खाने के लिए जुबान पर ताला लगाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पीलिया होने पर देसी टोटकों से परहेज करना चाहिए, यह स्थिति को और गंभीर बना सकते हैं।

डॉ. विशाल खुराना का कहना है कि लिवर डैमेज होने की स्थिति में लिवर ट्रांसप्लांट की भी सुविधा है जो 90 % से ज्यादा सफल हो चुकी है।अब सर्जरी एडवांस्ड स्थिति में पहुंच चुकी है। रोगियों के मन में डर दूर किया जा रहा है।

वहीं बढ़ती बीमारी को लेकर पंजाब के संगठनों ने पंजाब सरकार से मांग की है कि पंजाब के सभी सरकारी अस्पतालों में गैस्ट्रो एस्ट्रोलॉजी विभाग स्थापित किया जाए और विशेषज्ञ डॉक्टरों की तुरंत तैनाती की जाए ताकि प्राइवेट डॉक्टरों की लूट से बचा जा सके।

सूत्रों से पता चला है कि प्रत्येक वर्ष फैटी लीवर की बीमारी से पंजाब में हजारों लोगों की अकाल मृत्यु हो जाती है, फैटी लिवर वाले मरीज डॉक्टर द्वारा बताए परहेज में लापरवाही बरतते हैं। घरेलू शराब भी फैटी लीवर का सबसे बड़ा कारण है। पंजाब के सीमावर्ती क्षेत्रों में घरेलू शराब घर-घर में तैयार हो रही है, उसके साथ-साथ कसूर से आ रहा केमिकल युक्त पानी सतलुज में आकर सीमावर्ती क्षेत्र के लोगों में कई घातक बीमारियां फैला रहा है ,इनमें एक फैटी लीवर भी है। फैटी लिवर वालों को नशीली दवाओं और गुटका पान मसाले से भी दूर रहना चाहिए।(विनायक फीचर्स)

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