अल्मोड़ा, 18 मई 2025।
हेमवती नंदन बहुगुणा स्टेडियम, अल्मोड़ा में आज एक बेहद रोमांचक और दिलचस्प क्रिकेट मुकाबले में डीएम इलेवन और अल्मोड़ा पुलिस के बीच खेला गया मैत्री मैच 140-140 रन की बराबरी पर टाई हो गया। खेल के हर पल ने दर्शकों को बांधे रखा, और दोनों टीमों की ओर से बेहतरीन खेल भावना का प्रदर्शन देखने को मिला।
पहले बल्लेबाजी करते हुए डीएम इलेवन ने बनाए 140 रन
टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी डीएम इलेवन की शुरुआत कुछ खास नहीं रही। कप्तान और जिलाधिकारी श्री आलोक कुमार पांडेय महज 5 रन बनाकर आउट हो गए। टीम की लड़खड़ाती शुरुआत को उपजिलाधिकारी द्वाराहाट श्री सुनील कुमार राज ने संभालते हुए 63 रनों की दमदार और संयमित पारी खेली। उनके साथ सागर बिष्ट ने ताबड़तोड़ 22 रन जोड़े, जबकि अंकित बड़ौनी और एडीआईओ सुंदर कुमार ने क्रमशः 14 और 13 रन का योगदान दिया। टीम ने 20 ओवर में 9 विकेट पर कुल 140 रन बनाए।
अल्मोड़ा पुलिस की ओर से इरफान खान और सौरभ कुमार ने धारदार गेंदबाजी करते हुए 3-3 विकेट झटके। एसएसपी देवेंद्र पींचा ने भी एक विकेट लिया और डीएम इलेवन को बड़े स्कोर तक पहुंचने से रोक दिया।
अल्मोड़ा पुलिस ने दिखाई वापसी, लेकिन मैच रहा अधूरा
141 रनों का पीछा करने उतरी अल्मोड़ा पुलिस की टीम की शुरुआत भी लड़खड़ाती रही। डीएम इलेवन की सधी हुई गेंदबाजी ने उन्हें दबाव में ला दिया। लेकिन चंदन पीनारी की सिर्फ 16 गेंदों में 40 रन की तूफानी पारी और मदन मोहन के 26 रनों ने मैच को रोमांचक मोड़ पर ला खड़ा किया। एक समय ऐसा लगने लगा था कि पुलिस टीम आसानी से जीत जाएगी।
हालांकि, 18वें ओवर में गेंदबाजी करने आए सागर बिष्ट ने शानदार प्रदर्शन करते हुए लगातार तीन विकेट झटके। टीम 140 रन पर सिमट गई और मुकाबला बराबरी पर छूट गया।
डीएम इलेवन की ओर से हिमांशु ने 4 विकेट, सागर बिष्ट ने 3 और अंकित बड़ौनी ने 2 विकेट झटके।
शानदार खेल भावना और सहभागिता की मिसाल
मैच में खेल भावना और अनुशासन का बेहतरीन उदाहरण देखने को मिला। जिलाधिकारी आलोक कुमार पांडेय और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देवेंद्र पींचा ने दोनों टीमों के प्रदर्शन की प्रशंसा की और खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दीं।
मैच के दौरान प्रभागीय वनाधिकारी दीपक सिंह, मुख्य विकास अधिकारी दिवेश शाशनी और संयुक्त मजिस्ट्रेट रानीखेत राहुल आनंद की उपस्थिति ने आयोजन को गरिमा प्रदान की।
निष्कर्ष:
यह मैत्री मैच ना केवल खेल कौशल का प्रदर्शन था, बल्कि प्रशासन और पुलिस के बीच आपसी सामंजस्य और सौहार्द का प्रतीक भी बना। ऐसे आयोजनों से सामूहिक उत्साह और सहयोग की भावना को बल मिलता है।






