अल्मोड़ा, 6 जून 2025
उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) आज पवित्र चितई गोलू देवता मंदिर पहुंचे, जहां उन्होंने अपने परिवार सहित विधिवत पूजा-अर्चना कर राज्य और देशवासियों की सुख-समृद्धि की कामना की। उनके साथ मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की भीड़ भी उमड़ पड़ी, जिसने देवता के जयकारों से पूरे वातावरण को भक्तिमय बना दिया।
चितई गोलू मंदिर, जिसे ‘न्याय के देवता’ के रूप में जाना जाता है, उत्तराखंड की आस्था का केंद्र है। कहा जाता है कि यहां सच्चे मन से की गई प्रार्थना कभी भी व्यर्थ नहीं जाती। श्रद्धालु यहां अपनी समस्याओं को लिखित में अर्जियों के रूप में प्रस्तुत करते हैं, जिन्हें मंदिर परिसर में लटकाया जाता है। यही नहीं, मन्नत पूरी होने पर श्रद्धालु यहां घंटी चढ़ाते हैं, जिसके कारण पूरा मंदिर परिसर हजारों घंटियों की ध्वनि से गूंजता रहता है।
राज्यपाल ने मंदिर में पहुंचकर विधिवत पूजा की और कहा कि “गोलू देवता उत्तराखंड की आत्मा हैं। उनका आशीर्वाद राज्य को स्थायित्व, समृद्धि और शांति प्रदान करता है। मैंने यहाँ केवल अपने परिवार के लिए नहीं, अपितु सम्पूर्ण मानव जाति के कल्याण, पर्यावरण की सुरक्षा और विश्व शांति की कामना की है।”
राज्यपाल के आगमन पर मंदिर समिति ने उनका भव्य स्वागत किया। स्थानीय लोगों और तीर्थयात्रियों में उनके दर्शन को लेकर उत्साह देखा गया। इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था भी चाक-चौबंद रही।
गोलू देवता की महिमा का बखान करते हुए राज्यपाल ने यह भी कहा कि देश-दुनिया में फैले उत्तराखंडी लोगों की आस्था इस देवस्थान से जुड़ी है। चितई गोलू देवता केवल एक धार्मिक केंद्र नहीं, बल्कि लोक संस्कृति, परंपरा और न्यायप्रियता का प्रतीक हैं।
इस अवसर पर राज्यपाल ने स्थानीय संस्कृति और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने की भी बात कही।
चितई गोलू देवता की दिव्यता और राज्यपाल की श्रद्धा का यह संगम न केवल एक प्रेरणादायक क्षण रहा, बल्कि उत्तराखंड की धार्मिक विरासत और लोक आस्था को भी एक नई ऊर्जा प्रदान करने वाला सिद्ध हुआ।






