📍अल्मोड़ा, 16 जुलाई 202 ✨जागेश्वर धाम में पारंपरिक उल्लास के साथ प्रसिद्ध श्रावणी मेले का भव्य शुभारंभ✨
अल्मोड़ा जनपद के जागेश्वर धाम में एक माह तक चलने वाले प्रसिद्ध श्रावणी मेले का बुधवार को पारंपरिक रीति-रिवाजों, वैदिक मंत्रोच्चारण और गाजे-बाजे के साथ भव्य शुभारंभ हुआ। इस अवसर पर भारी संख्या में श्रद्धालु, पर्यटक और स्थानीय नागरिक मौजूद रहे। पूरा वातावरण धार्मिक आस्था, सांस्कृतिक रंगों और पर्वीय उल्लास से सराबोर रहा।
🎤 मुख्यमंत्री का वर्चुअल संबोधन
मेले के शुभारंभ अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आगमन प्रस्तावित था, किंतु खराब मौसम के कारण वे स्वयं उपस्थित नहीं हो सके। उन्होंने वर्चुअल माध्यम से जागेश्वर मेले की शुभकामनाएं देते हुए प्रदेशवासियों को श्रावणी मेला एवं हरेला पर्व की मंगलकामनाएं दीं। मुख्यमंत्री ने जागेश्वर धाम की आध्यात्मिक महत्ता को रेखांकित करते हुए कहा कि यह मेला उत्तराखंड की सांस्कृतिक, धार्मिक और लोक परंपराओं का अद्भुत संगम है।
🏛️ जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों की गरिमामयी उपस्थिति
श्रावणी मेले का विधिवत उद्घाटन केंद्रीय राज्य मंत्री अजय टम्टा एवं जिलाधिकारी आलोक कुमार पांडेय द्वारा किया गया। इस अवसर पर उन्होंने जनता को मेले की शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए मेले की व्यवस्था, सांस्कृतिक महत्त्व और धार्मिक परंपरा को संरक्षित रखने की बात कही।
उद्घाटन कार्यक्रम में विधायक मोहन सिंह मेहरा, जागेश्वर मंदिर प्रबंधन समिति के उपाध्यक्ष नवीन भट्ट, पुजारी प्रतिनिधि पं. नवीन चंद्र भट्ट, मुख्य विकास अधिकारी रामजी शरण शर्मा, कार्यवाहक प्रबंधक बरखा जलाल सहित कई जनप्रतिनिधि, प्रशासनिक अधिकारी और बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।
🎭 सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने मोहा मन
श्रावणी मेले के शुभारंभ अवसर पर आयोजित सांस्कृतिक संध्या में स्थानीय कलाकारों द्वारा प्रस्तुत लोक नृत्य, भजन-कीर्तन व पारंपरिक वाद्य यंत्रों की संगति ने उपस्थित जनसमूह को मंत्रमुग्ध कर दिया। देवभूमि की समृद्ध लोक संस्कृति की झलक इस अवसर पर सजीव रूप में देखने को मिली।
🙏 मेला व्यवस्था और जनसहभागिता
जिलाधिकारी आलोक कुमार पांडेय ने बताया कि मेले की सुव्यवस्थित संचालन हेतु सुरक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, सफाई एवं यातायात प्रबंधन के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं। प्रशासन, मंदिर समिति और स्थानीय जनसहयोग से यह मेला सफलतापूर्वक संपन्न होगा।
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🔸 श्रावणी मेला केवल एक धार्मिक उत्सव ही नहीं, बल्कि उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर का जीवंत प्रतीक है। जागेश्वर धाम में उमड़ती श्रद्धा और संस्कृति की बहुरंगी छटा मेले को एक अनुपम आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करती है।
📌 जागेश्वर धाम में यह पावन मेला आगामी एक माह तक श्रद्धा, भक्ति और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ जारी रहेगा।

