अल्मोड़ा- वरिष्ठ ज्योतिषाचार्य पंडित मदन मोहन पाठक ने बताया धर्म अर्थ काम मोक्ष को प्रदान करने वाली हिन्दू धर्म में अपनी श्रेष्ठता को सदैव चरमोत्कर्ष पर रखने वाली एकादशी को अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। जथोनाम तथोगुण अपरा जिसका पार पाना संभव नहीं है अर्थात् मनुष्य को भवसागर से पार करने वाली अपरा एकादशी अजला और अपरा दो नामों से जानी जाती है। इस दिन भगवान त्रिविक्रम की पूजा का विधान है। अपरा एकादशी का एक अर्थ यह कि इस एकादशी का पुण्य अपार है। इस दिन व्रत करने से कीर्ति, पुण्य और धन की वृद्धि होती है। वहीं मनुष्य को ब्रह्म हत्या, परनिंदा और प्रेत योनि जैसे पापों से मुक्ति मिल जाती है। इस दिन तुलसी, चंदन, कपूर, गंगाजल से भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करने से मनुष्य के दैहिक दैविक भौतिक तापों का विनाश होता है मनुष्य के पाप भस्मीभूत होकर मनुष्य की धवल काया हो जाती है वह सांसारिक कषाय कलमसो से दूर रहता है घर पर घीं का दीपक जलाकर एकादशी महात्म्य पढ़े दिन भर श्री विष्णु भगवान के चरणों का ध्यान करें ऊं नमो भगवते वासुदेवाय नमः इस मंत्र के अनगिनत जप करें सांय शारीरिक सामर्थ्य के अनुसार फलाहार ग्रहण करें






