भारत की राजनीति में परिवर्तन के नये मानदंड स्थापित करती भाजपा
(रजनीश अग्रवाल-विनायक फीचर्स)
भाजपा की राजनीतिक यात्रा 1980 से प्रारंभ होकर 45 वर्ष की हो रही है इन वर्षों में भाजपा ने एक राजनीतिक दल के रूप में सरकार में हो या विपक्ष में राजनीति में ट्रेंड सेट करने का कार्य किया है। इन 5 दशकों में भाजपा भारत की राजनीति में केंद्र बिंदु बन गई है। भाजपा पहली ऐसी देशज पार्टी है जिसने राजनीति के अपने मानदंड स्थापित किए हैं। राजनीतिक दल के रूप में उसकी अपनी एक विशिष्ट कार्य पद्धति है। जब कांग्रेस ही राजनीति का पर्यायवाची बन चुकी थी तब राजनीति के ताने-बाने को नए सिरे से बुनने फिर उसे स्थापित करने का कार्य भाजपा ने किया है। भारत की राजनीति में भाजपा द्वारा आमूलचूल परिवर्तन लाने का कार्य लगातार जारी है।
*राष्ट्र प्रथम ही हमारी राजनीति का ध्येय*
भारतीय जनता पार्टी के लिए भारत माता की जय यह मात्र कोई नारा नहीं है बल्कि यह हमारे कार्य की प्रेरणा है। भारत की जय हो विजय हो। एक वैभवशाली, समृद्धिशाली, सक्षम और समर्थ भारत का निर्माण राजनीति के माध्यम से करने के लिए भारतीय जनता पार्टी जुटी है। भारत की राजनीति में आज यह विचार केंद्र बिंदु बन चुका है।
अब सेना के द्वारा जीते हुए युद्ध, भारत टेबल पर नहीं हारता। भारत की नीति और निर्णय भारत की आवश्यकता के अनुसार भारत का नेतृत्व तय करता है, किसी विदेशी शक्ति से संचालित नहीं होता। किसी परिवार के हित के लिए नहीं बल्कि राष्ट्र के हित के लिए जो उचित और उपयुक्त है वही निर्णय लिया जाता है। भाजपा के इस भाव को जनता ने आत्मसात किया है क्योंकि यह जनता अर्थात पूरे देश की ही भावना की अभिव्यक्ति भाजपा की है।
जम्मू कश्मीर में धारा 370 एवं 35A की समाप्ति, पूर्वोत्तर राज्यों का लगातार विकास और देश की मुख्य धारा से जुड़े रखने का प्रयास, आतंकवादी और अलगाववादी सगठनों पर कानूनी शिकंजा, नक्सलवाद की समप्ति की ओर तेजी से बढ़ते कदम भाजपा की विशेषता बन गए हैं।
टुकड़े-टुकड़े गैंग जो षडयंत्र पूर्वक देश को बांटना चाहती है और उनको राजनीतिक संरक्षण देने का कार्य कुछ दल करते हैं। उन दलों से सामना करना हमारा राजनीतिक ही नहीं बल्कि एक नागरिक कर्तव्य भी है। भाजपा लगातार जनता को जागृत कर रही है यही कारण है भारत की एकता, अखंड़ता और संप्रभुता को चुनौती देने वाले व्यक्ति या संगठन और उन्हें राजनीतिक रूप से पालने पहुंचने वाले दल आज लगातार जनता द्वारा नकारे जा रहे हैं।
*राष्ट्रीय सुरक्षा हमारा पहला कर्तव्य*
भारतीय जनता पार्टी ने एक राजनीतिक दल के तौर पर भी और सरकार में आने पर भी सदैव राष्ट्रीय सुरक्षा अपना पहला कर्तव्य माना है। भारत की सीमाओं की सुरक्षा ही नहीं बल्कि हर आक्रमण का प्रतिकार तत्परता से और जोरदार ढंग से किया। जिन पड़ोसी देशों ने भारत की अखंड़ता को आघात पहुंचाने की चेष्टा की उसका उससे ज्यादा ही वेग से उत्तर दिया। आज का भारत घर में घुस कर मारने वाला भारत बना है। चीन की सीमा पर भारत की सेना मोर्चे पर डटी है, देश की रक्षा कर रही है। हमारी सरकार ने सेना की सहायता के लिए सड़क,पुल पुलिया तेजी से बनाए हैं। जो आजादी के बाद सेना की मांग पर भी कांग्रेस की सरकारों ने नहीं बनाए। सर्जिकल स्ट्राइक एयर स्ट्राइक के माध्यम से पाकिस्तान को करारा जवाब हमारी सेना ने दिया है। सीमा पर बसे गांव हो या हमारी सेना के जवान भारत सरकार और भाजपा ने सदा ही उनके सम्मान और समृद्धि की चिंता की है।
हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि स्वतंत्रता के साथ ही भारत ने विभाजन की विभीषिका, नरसंहार ही नहीं झेला बल्कि कांग्रेस के कार्यकाल में स्वतंत्र भारत की एक लाख वर्ग किलोमीटर से ज्यादा भारत भूमि दूसरे देशों के कब्जे में हो गई। राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों की तुष्टिकरण की सोच कई बार उजागर हो चुकी है। देश में आतंकवाद अब बीते दिनों की बात हो चुकी है। अलगाववाद और नक्सलवाद को लगातार कुचला जा रहा है। भारत के गृहमंत्री माननीय अमित शाह जी ने संकल्प लिया है कि मार्च 2026 तक देश से पूरी तरह नक्सलवाद समाप्त कर दिया जाएगा।
*विकासवादी राजनीति*
हम सब ने कांग्रेस के नेताओं से यह सुना है कि चुनाव जुगाड़ से जीते जाते है, विकास से नहीं । जुगाड़ की राजनीति और बंटाधार की राजनीति को जनता ने बुरी तरह से नकार कर भाजपा की विकास और सुशासन की राजनीति को स्वीकारा। भाजपा ने डिलीवरी और परफॉर्मेंस की राजनीति को समाज में स्थान दिया है। विकास,सुशासन और सेवा के प्रति भाजपा की सरकारें खरी उतरी हैं। बिजली, पानी, सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाओं के साथ ही नागरिकों के गुणवत्तापूर्ण जीवन के लिए भाजपा जानी जाती है। कांग्रेस शासित बीमारू राज्य से आज मध्यप्रदेश तेजी से विकास करने वाला राज्य बन गया है। वही हमारा देश दुनिया की तीसरी बड़ी आर्थिक महाशक्ति बनने की ओर है। अंतरराष्ट्रीय स्तर का इंफ्रास्ट्रक्चर,अंतरिक्ष विज्ञान में सिद्ध, नित नए आविष्कार, शोध और अनुसंधान को बढ़ावा भारत की पहचान बन रहे हैं। चंद्रयान और मंगलयान से भारत के वैज्ञानिकों की जोरदार सफलता सिद्ध हुई है।
*गरीब कल्याण की राजनीति*
दशकों से गरीबी हटाओ का नारा कांग्रेस और कांग्रेस की सरकारों द्वारा दिया जाता रहा। गरीबों की संख्या भी बढ़ती रही। भाजपा की सरकार आने के बाद 25 करोड़ गरीब गरीबी की रेखा से ऊपर उठ चुके हैं। प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में लगातार गरीब कल्याण की योजनाएं संचालित की जा रही हैं। भाजपा द्वारा अंत्योदय दरिद्र नारायण की सेवा गरीब कल्याण यह मात्र भाषण के विषय नहीं रहे बल्कि राजनीति में आचरण और सरकारों में नीति निर्माण का आधार बने हैं। गरीबों का जीवन स्तर उठाने के लिए निःशुल्क राशन, पक्का मकान, पक्का शौचालय, पढ़ाई,लिखाई दवाई से लेकर हर जरूरत पर सरकार मदद के लिए तत्पर रहती है। गरीबों के लिए रोजगार के अवसर मात्र मजदूरी नहीं बल्कि मुद्रा योजना हो या रेहड़ी पटरी वालों के लिए विशेष लोन की व्यवस्था हो सरकार ने की है। छोटे से छोटे किसान के पास भी प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की राशि उसके खाते में जा रही है।
*महिला सशक्तिकरण*
भारत की राजनीति में महिलाओं को स्थान और सम्मान देने और दिलाने का कार्य भारतीय जनता पार्टी ने किया है। देश में एकमात्र राजनीतिक दल भाजपा ने अपने सगठन में पदाधिकारी और कार्य समिति में 33 प्रतिशत का आरक्षण किया है। देश में सबसे पहले स्थानीय निकायों में 50 प्रतिशत आरक्षण देकर महिलाओं को राजनीति की मुख्य धारा में जोड़ा। अब तो भाजपा की सरकार ने विधानसभा और लोकसभा में भी 33 प्रतिशत सीटों का आरक्षण महिलाओं के लिए किया है। साधारण नौकरियों से लेकर उच्च सेवा में भी महिलाओं को वरीयता दी जा रही है।
*सबका साथ सबका विकास*
विशेष कर मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति भारत के कुछ राजनीतिक दलों की पहचान बन चुकी है। भारतीय जनता पार्टी सदा ही तुष्टिकरण किसी का नहीं सशक्तिकरण सबका, के लक्ष्य पर कार्य करती रही है। मुस्लिम वोट बैंक की राजनीति करने वाले दलों ने भारत के समाज में बंटवारे की राजनीति की है। समाज में सद्भाव को बिगड़ा है। ऐसी राजनीति को परास्त करने के लिए भाजपा ने अपने संगठन तंत्र की शक्ति को जुटाया और जनमानस को जागृत किया। आज ऐसे दल लगातार राष्ट्रीय महत्व के कई मुद्दों पर बेनकाब हो चुके हैं। जनता इन्हें नकार रही है। तीन तलाक और वक्फ बोर्ड कानून में संशोधन से सामाजिक न्याय को बल मिला है।
दूसरी ओर जातिवाद की राजनीति करने वाले दल भी सत्ता से बाहर कर दिए गए हैं। लगातार समाज में फूट डालो और राज करो की नीति अपनाने वाले दल षडयंत्र रचने में जुट हुए हैं। इन दलों की राजनीति को पराजित करना हमारी सबसे बड़ी चुनौती होनी चाहिए।
*सांस्कृतिक पुनर्जागरण*
भारतीय जनता पार्टी सांस्कृतिक राष्ट्रीयता में अपनी निष्ठा रखती है। एक दल के रूप में लगातार हमारी प्रतिबद्धता अपनी इस विचारधारा पर अडिग है। लगातार हमारी आस्था के मानदंडों की पुनर्स्थापना, सांस्कृतिक मूल्यों और परंपराओं की स्थापना से भारत में सांस्कृतिक प्रादुर्भाव हो रहा है। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को संयुक्त राष्ट्र संघ में मान्यता मिली है। श्री राम जन्मभूमि अयोध्या में भगवान श्री राम का भव्य और दिव्य मंदिर का निर्माण, काशी विश्वनाथ लोक, महाकाल महालोक से लेकर विभिन्न देवस्थानों का पुनर्निर्माण और विस्तार कार्य को आगे बढ़ाया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति भी अब भारत केंद्रित बनी है। इसमें भारत की सांस्कृतिक विरासत और मूल्यों को यथा स्थान और सम्मान दिया गया है। भारत के महापुरुषों और स्वतंत्रता संग्राम सैनानियों को बिना भेदभाव और पक्षपात किए गौरव प्रदान किया है। आजादी का यह अमृत काल सांस्कृतिक जागरण का काल बन गया है। ऐसे सैकड़ों उदाहरण दिए जा सकते हैं।
विशेषकर हमारी जनजातीय संस्कृति के साथ भेदभाव किया जाता रहा। जनजातीय महापुरुषों, स्वतंत्रता आंदोलन के योद्धाओं को स्थान और सम्मान नहीं मिल पाया। भाजपा सरकारों में भगवान बिरसा मुंडा जयंती पर जनजातीय गौरव दिवस का आयोजन हो हुआ तो टंट्या मामा, ख्वाजा नायक, भीमा नायक, रघुनाथ शाह, शंकर शाह आदि महापुरुषों के प्रेरक स्मारक बनाने के साथ उनकी जयंती पर कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। संत रविदास का भव्य मंदिर मध्यप्रदेश में सागर के समीप बनाया जा रहा है। यह सभी महापुरुष हमारे समाज की प्रेरणा के केंद्र हैं। हमारा समाज मान सम्मान और स्वाभिमान इनके व्यक्तित्व से प्राप्त करता है।(विनायक फीचर्स)( लेखक मध्यप्रदेश भाजपा के प्रदेश मंत्री हैं।)

