नई दिल्ली –जहां एक ओर कोरोना महामारी की धीमी पड़ रही रफ्तार के बीच एक कोरोना के नए स्वरूप ‘एक्सई’ ने दुनिया में दस्तक दी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि नया वैरिएंट ओमिक्रन से 10 फीसदी ज्यादा संक्रामक है।
ब्रिटेन की ब्रिटिश हेल्थ सिक्योरिटी एजेंसी के हालिया अध्ययन से पता चला है कि वर्तमान में 3 हाइब्रिड कोविड वैरिएंट चल रहे हैं। इसमें डेल्टा और बीए़1 दो अलग-अलग स्वरूप एक्सडी और एक्सएफ से मिलकर बना है, जबकि तीसरा एक्स है। इनमें से एक्सडी फ्रेंच डेल्टा वेरिएंट एक्स बीए़1 वंश का नया सदस्य है। इसमें इसमें बीए़1 का स्पाइक प्रोटीन और डेल्टा का जीनोम होता है। वर्तमान में इसमें 10 से ज्यादा क्रम शामिल हैं।
डब्लूएचओ ने कहा कि एक्सई के बारे में पहली बार ब्रिटेन में 19 जनवरी, 2022 को पता चला था। अभी तक इसके 600 से ज्यादा मामलों की पुष्टि हुई है। चिकित्सा सलाहकार सुजैन हपकिंस का कहना है कि अभी नए वैरिएंट एक्सई की संक्रामकता, गंभीरता के बारे में निष्कर्ष निकालने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं। इस पर टीके काम करेंगे या नहीं यह भी पता नहीं है। इस वैरिएंट से संक्रमित मरीज जर्मनी, नीदरलैंड और डेनमार्क में मिल चुके हैं।
भारत का टीकाकरण अभियान सुरक्षा में सहायक
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की वैज्ञानिक प्रज्ञा यादव ने बताया कि बड़े पैमाने पर टीकाकरण और वैरिएंट पर शोध के कारण हम ओमिक्रन पर काबू पा सके। हमें पता था कि महामारी आ रही है और भारत को इससे निपटने के लिए संसाधनों को जमा करना होगा और हमने किया। जनवरी के बाद हमें राहत मिली जब अधिकांश मामले असिम्पटोमेटिक थे। कम मृत्यु दर के साथ कोरोना का यह वैरिएंट उतना प्रभावशाली नहीं था।






