अल्मोड़ा यहां काफी समय से कटखने बंदरों को लेकर स्थानीय जनता परेशान हैं इस संदर्भ में स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता संजय पांडे ने कहा है कि काफी समय से अल्मोड़ा नगर व आस पास के क्षेत्रों में बंदरों ने राहगीरों स्कूली बच्चों एवं आम लोगों का जीना दूर्भर कर दिया है| सूत्रों से पता चला है की बंदरों को गाडियों में भर भर कर पहाड़ों में भेजा जा रहा है, कई बार मैंने स्वयं अपनी आँखों से बंदरों को ट्रकों से उतारते हुए देखा है|
ये लोग बंदरों को ऐसी जगह पर छोड़ते है, जहाँ पर इन्हें कोई आसानी से नहीं देख पाता है, जिसका फायदा ये बखूबी उठाते है,ये कटखने बन्दर राह चलते आम लोगों पर व् उनके घरों में घुस कर हमला कर रहे है|
बड़े आश्चर्य की बात है की जगह जगह पर वन विभाग की चोकियां है, फिर भी इन बंदरों को जनपद की सीमाओं में कैसे छोड़ा जा रहा है|
यह भी सर्व विदित है की पहाड़ो में बन्दर पहले भी थे पर ये आम लोगों को नुकसान नहीं पहुचाते थे जाहिर सी बात है बंदर कोई उड़ कर वायु मार्ग से नहीं आ रहे है बल्कि इन्हें ट्रकों में लादकर लाया जा रहा है वन विभाग के अधिकारी व् कर्मचारी इन गाडियों की चेकिंग नहीं करते है|
इन बंदरों को पकड़ने की व्यवस्था सुनिश्चित करने व् सीमा चोकियों में अवैध रूप से लाये जा रहे बंदरों को ढोने वाले वाहनों पर कठोर कार्यवाही सुनिश्चित करने की मांग सामाजिक कार्यकर्ता संजय पांण्डे ने प्रभागीय वनाधिकारी अल्मोड़ा से की है।


