उत्तराखण्ड सरकार ने तय किया है कि राज्य का ऐसा कोई भी युवा, जिसकी आयु 21 वर्ष से अधिक है और जिसके माता-पिता दोनों का पूर्व में निधन हो गया है उन्हें सरकारी नौकरी में 5% क्षैतिज आरक्षण दिया जाएगा। ऐसे सभी बच्चों के लिए सरकार स्वयं अभिभावक के रूप में दायित्व निभाएगी।