प्रदेश में शुक्रवार को दोपहर बाद मौसम ने ली करवट और केदारनाथ धाम में हल्की बर्फबारी हुई रुद्रप्रयाग समेत गुप्तकाशी, अगस्त्यमुनि क्षेत्रों में बारिश होने से गर्मी से कुछ राहत मिलने के साथ ही जंगलों में लगी आग भी बुझी है। चमोली जिले में बदरीनाथ व हेमकुंड की चोटियों पर जहां बर्फबारी हुई, वहीं निचले क्षेत्रों में बारिश से गर्मी से भी खासी राहत मिली।
वहीं राजधानी दिल्ली सहित पूरे उत्तर भारत को झुलसाती गर्मी से राहत मिलने के आसार नहीं दिख रहे हैं। शुक्रवार को राजधानी दिल्ली समेत कई जगहों पर तापमान 46 डिग्री सेल्सियस के करीब रहा तो राजस्थान के धौलपुर में यह 46.5 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने शनिवार को दिल्ली के कई हिस्सों में भीषण लू की चेतावनी देते हुए आरेंज अलर्ट जारी किया है।
इसका मतलब है कि गर्मी से बचाव के लिए तैयार रहें। शुक्रवार को दिल्ली के बेस स्टेशन सफदरजंग वेधशाला ने लगातार दूसरे दिन अधिकतम तापमान 43.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया।
दिल्ली में 72 वर्षों में दूसरी बार सबसे गर्म अप्रैल…
समाचार एजेंसी पीटीआइ ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 72 वर्षों में दूसरी बार 40.2 डिग्री सेल्सियस मासिक औसत अधिकतम तापमान के साथ सबसे गर्म अप्रैल दर्ज किया गया है। दिल्ली में 28 और 29 अप्रैल को अधिकतम 43.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इससे पहले राष्ट्रीय राजधानी में 18 अप्रैल 2010 को अधिकतम तापमान 43.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। अप्रैल महीने का सर्वकालिक उच्च तापमान 45.6 डिग्री सेल्सियस है जो 29 अप्रैल 1941 को दर्ज किया गया था।
*लंबे समय तक धूप में रहने से बचें*
दिल्ली कोर हीटवेव जोन (सीएचजेड) में आता है, जिसमें तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट, बिहार, छत्तीसगढ़ व बंगाल शामिल हैं। हीटवेव में बच्चों, बुजुर्गों के साथ उन लोगों के लिए ज्यादा खतरा होता है जो पुरानी बीमारियों से पीडि़त हों। आइएमडी ने सलाह दी है कि लंबे समय तक धूप में रहने और भारी काम करने से बचें।






