अल्मोड़ा के वरिष्ठ ज्योतिषाचार्य पंडित डा मदन मोहन पाठक ने बताया कि इस बार वटसावित्री व्रत 29/5/2022 रविवार को मनाया जाएगा यह उपवास हमारे देश की स्त्रियां बहुत ही श्रद्धा भक्ति से मनाती हैं भारत वर्ष की पावन पवित्र विदुषी माता सावित्री देवी परम पावन गंगाजल निर्मल एक महान पतिव्रता स्त्री रहीं हैं आप ने अपने मृत पति को अपनी अनन्य भक्ति एवं पतिव्रता थर्म से जीवित कर सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड में माता सावित्री का दर्जा प्राप्त किया और हमारे पूज्य देवी देवताओं में शामिल हो गयी तब से सौभाग्यवती स्त्रियां अपने पति की दीर्घायु के लिए इस व्रत को करती आ रही है उस दिन स्त्रियां सम्पूर्ण सौभाग्य के बस्त्र आभूषण श्रृंगार से सुसज्जित होकर पवित्र अंतःकरण से माता सावित्री का उपवास करती है संभव हो तो वटवृक्ष पर सामूहिक पूजा भी करती हैं अन्यथा घर पर भी वटवृक्ष का पता लाकर या बाजार से पट्टा लाकर उसमें ही पूजा कर लेती है विद्वान ब्राह्मण को बुलाकर धर्मराज सत्यवान और माता सावित्री की पूजा अर्चना कराती हैं माता सावित्री को सम्पूर्ण सौभाग्य का सामान आभूषण श्रृंगार वस्त्र अन्नादि दक्षिणा सहित चढ़ा कर ब्रहामण को दान करती हैं ऐसा करने से माता सावित्री देवी प्रसन्न होकर मात्रृशक्ति को अखंड सौभाग्य का वरदान देती हैं पुरोहित जी मंत्राशीष देते हैं यह व्रत अत्यंत पावन और पवित्र है।इस बार कुछ पंचांगों में वटसावित्री व्रत को लेकर कुछ भ्रमात्मक तिथि दी गई है आप सभी से निवेदन है विना किसी भ्रम के इस उपवास को 29/5/2022 को ही मनाए






