जोशीमठ से लगातार की सूचना मिल रही है भूधंसाव के चलते जोशीमठ में मां भगवती का एक प्राचीन मंदिर भरभरा कर गिर गया। इस हादसे में हालांकि किसी भी तरह के जानमाल की हानि की सूचना अभी तक नहीं मिली है।जोशीमठ में हो रहे भूधसाव की घटनाएं अत्यंत चिंताजनक है प्राप्त सूचना के अनुसार ज्योतिर्मठ परिसर के बाद अब शंकराचार्य माधव आश्रम मंदिर के शिवलिंग में दरारें आने की खबर आ रही है वहीं मंदिर क्षेत्र के भवनों में लक्ष्मी नारायण मंदिर के आसपास दरारें साफ दिखाई दे रही हैं ज्योतिर्मठ के प्रभारी ब्रह्मचारी मुकुंदानंद के अनुसार मठ के प्रवेश द्वार, लक्ष्मी नारायण मंदिर और सभागार में दरारें आई हैं। इसी परिसर में टोटकाचार्य गुफा, त्रिपुर सुंदरी राजराजेश्वरी मंदिर और ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य की गद्दी स्थल है।शंकराचार्य की गद्दी स्थल की सामने आई तस्वीरें हर किसी को तकलीफ पहुंचा रही है। ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने जोशीमठ में हो रहे भू-धंसाव पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि ज्योतिर्मठ भी इसकी चपेट में आ रहा है। उन्होंने प्रदेश सरकार से भू-धंसाव से प्रभावित परिवारों को त्वरित राहत पहुंचाने और उनके पुनर्वास की समुचित व्यवस्था करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि पिछले एक वर्ष से जमीन धंसने के संकेत मिल रहे थे। लेकिन समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया गया।शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि जोशीमठ में जमीन धंसने की घटना बेहद चिंताजनक है। ऐतिहासिक एवं पौराणिक सांस्कृतिक नगर जोशीमठ खतरे में हैं। एक सप्ताह से जमीन धंसने से 500 से अधिक मकान प्रभावित हुए हैं। मकानों में दरारें आ गई हैं।
जोशीमठ में तबाही का खौफनाक मंजर देख विशेषज्ञों की टीम भी दंग रह गई शहर केबुरी तरह धंसने और सैकड़ों घरों और इमारतों की दीवारों, दरवाजों, फर्श, सड़कों पर आईं दरारों का कारण पता लगाने में पहले दिन टीम को नाकामी हाथ लगी। विशेषज्ञ टीम ने देखा कि जोशीमठ के तमाम हिस्सों से सतह के नीचे पानी का बेतरतीब ढंग से रिसाव हो रहा है। इसका कोई एक सिरा नहीं है। जोशीमठवासियों को रात में घरों के फर्श के नीचे पानी बहने की आवाजें आ रही हैं। वे बुरी तरह डरे हुए हैं। वास्तव में यह चिंता जनक और सोचनीय विषय है हालांकि सरकार की ओर से लगातार क्षेत्र पर नजर रखी है और अनेक प्रकार से राहत के लिए कदम उठाए जा रहे हैं

