वाराणसी उत्तरप्रदेश – विश्वप्रसिद्ध भारतीय वैदिक ज्योतिष संस्थानम् वाराणसी ( पंजीकृत ) की निर्देशिका डाक्टर विजय लक्ष्मी गुप्ता ने बताया कि संस्थानम् के संरक्षक संस्थापक चेयरमैन डाक्टर श्री पुरुषोत्तम दास गुप्ता (गुरु) जी का लगभग 78 वर्ष की उम्र में महाप्रयाण काशी विश्वनाथ की पवित्र नगरी वाराणसी में दिनांक 18 तारीख दिसंबर 2024 को हुआ,स्व श्री गुप्ता जी का जन्म वाराणसी में 19/7/1947 को प्रातः 4 बजकर 55 मिनट पर हुआ । श्री पुरुषोत्तम दास गुप्ता ज्योतिष के प्रकांड विद्वान थे उन्होंने इस शास्त्र पर गहन अध्ययन किया और इस शास्त्र की तन मन धन से सेवा की और लाखों लोगों को लाभान्वित किया,स्व गुप्ता का यों चले जाना ज्योतिष शास्त्र के क्षेत्र में अपूर्णीय क्षति है। ज्योतिष के अलावा होम्योपैथी चिकित्सा पर भी आदरणीय श्री गुप्ता जी का बृहद हस्त रहा है, श्री गुप्ता जी अद्भुत प्रतिभा के धनी थे। कवि, लेखक, एवं प्रखर वक्ता थे। शांत एवं सौम्य स्वभाव, भावुकता भरा वात्सल्य हृदय श्री गुप्ता सभी के प्रेरणा स्रोत रहे हैं। पूज्य श्री की धर्म के प्रति अटूट आस्था थी, उन्होंने 80 से अधिक पुस्तकें लिखी जो आज सभी का मार्गदर्शन कर रही हैं
पूज्य श्री ने श्रीमद्भागवत गीता का गहन अध्ययन किया और श्री गीता जी को अपने उपदेशों के माध्यम से जन जन तक पहुंचाया, महाप्रयाण के कुछ ही समय पूर्व पूज्य श्री ने एक पंचांग निकालने का आदेश संस्थान को दिया और पंचांग में महाप्रयाण तीथि को चिन्हित कर अण्डर लाइन कर दी, यह पंचांग पूरे परिवार को पढ़ाया, श्री गुप्ता जी ने अपने पूरे परिवार एवं परिजनों को सुन्दर काण्ड का पाठ करने को कहा और सभी से पूजन करवाया साथ ही शान्ति पाठ करवाया और कर्मयोगी श्री गुप्ता जी ने अपने परिवार जनों को धर्म अर्थ काम और मोक्ष प्राप्त करने की शिक्षा दी। उन्होंने अपनी सुपुत्री एवं संस्थान की निर्देशिका डाक्टर सुश्री विजय लक्ष्मी गुप्ता को संस्थान की बुलंदियों तक ले जाने को कहा। पूज्य श्री की कृष्ण भक्ति का अद्भुत संगम देखने को मिला महाप्रयाण के समय श्रीमद्भागवत गीता को अपने हृदय से लगाया और उन्हें साक्षात बालकृष्ण के दर्शन हुए ऐसा इसलिए लगता है कि उस समय उन्होंने परिजनों से कहा कि यह अद्भुत बालक कौन है। आदरणीय अब हमारे बीच नहीं रहे किन्तु उनकी लिखी पुस्तकें उनका आदर्श एवं चिन्तन और भारतीय वैदिक ज्योतिष संस्थानम् सदैव हमें उनके आदर्शों पर चलने के लिए प्रेरित करते रहेगा। पूज्य श्री के निधन पर अल्मोड़ा उत्तराखंड के वरिष्ठ ज्योतिषाचार्य पंडित डाक्टर मदन मोहन पाठक ने गहरा दुःख व्यक्त किया है उन्होंने कहा कि पूज्य श्री का यों चले जाना ज्योतिष शास्त्र की अपूर्णीय क्षति है।

