
📍 अल्मोड़ा, उत्तराखंड
(संबद्ध – भारतीय वैदिक ज्योतिष संस्थानम् वाराणसी, उत्तरप्रदेश) 🌞 अल्मोड़ा/हल्द्वानी
दिनांक : 22 अक्टूबर 2025
ॐ श्री गणेशाय नमः
श्री संवत् 2082, श्री शाके 1947
वर्ष का नाम – सिद्धार्थी संवत्सर
रवि दक्षिणायन, शरद ऋतु, कार्तिक शुक्ल पक्ष प्रतिपदा तिथि
आज होगी — गोवर्धन पूजा एवं अन्नकूट महोत्सव
महात्म्य मास – कार्तिक मास, दिन 6 गते, बुधवार
आनन्दादि योग – धूम्र नाम योग
चंद्रमा तुला राशि में स्थित रहेंगे।
🔸 राहुकाल: प्रातः 11:53 से दोपहर 1:18 तक — इस अवधि में सभी शुभ कार्य वर्जित।
🔸 अभिजित मुहूर्त: प्रातः 11:30 से दोपहर 12:16 तक — सर्वोत्तम समय शुभ कार्यों हेतु।
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👨⚖️ वरिष्ठ ज्योतिषाचार्य:
🌟 पंडित डॉक्टर मदन मोहन पाठक जी
(ज्योतिषाचार्य एवं कर्मकांड विशेषज्ञ)
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🧭 आज का राशिफल (22 अक्टूबर 2025)
♈ मेष: आपका दिन शुभ और मंगलमय रहेगा। स्वास्थ्य अनुकूल, स्वजनों का सहयोग, प्रेम प्रसंग में सफलता, मान-प्रतिष्ठा में वृद्धि।
♉ वृषभ: दिन मंगलमय रहेगा। महत्वपूर्ण कार्य बनेगा, घर-परिवार में प्रसन्नता रहेगी, विरोधी पराजित होंगे।
♊ मिथुन: आर्थिक पक्ष मजबूत, व्यवसाय में सफलता, मान-प्रतिष्ठा बढ़ेगी, पदोन्नति के योग।
♋ कर्क: दिन मध्यम, स्वास्थ्य नरम, विरोधी सक्रिय। लेन-देन में सावधानी, कानूनी मामलों से बचें।
♌ सिंह: आर्थिक पक्ष सुदृढ़, व्यवसाय में विशेष सफलता, सामाजिक यश और पदोन्नति के योग।
♍ कन्या: स्वास्थ्य अनुकूल, स्वजनों का सहयोग, प्रेम प्रसंग में सफलता, शुभ समाचार प्राप्ति।
♎ तुला: लंबित कार्य बनेंगे, पदोन्नति संभव, सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ेगी।
♏ वृश्चिक: स्वास्थ्य पर ध्यान दें, विरोधी सक्रिय रहेंगे। पूंजी निवेश सोच-समझकर करें।
♐ धनु: प्रसन्नता का दिन। आर्थिक दृष्टि से लाभकारी, महत्वपूर्ण खुशखबरी मिलेगी।
♑ मकर: नए कार्यों का शुभारंभ, भौतिक सुख-सुविधाओं में वृद्धि, यश-प्रतिष्ठा बढ़ेगी।
♒ कुंभ: आर्थिक पक्ष मजबूत, सामाजिक कार्यों में रुचि, संतान से हर्ष, पदोन्नति संभव।
♓ मीन: परिश्रम अधिक रहेगा, अनावश्यक दौड़-भाग से बचें, स्वास्थ्य का ध्यान रखें।
🙏 आज का विशेष उपाय:
सभी राशियों के जातक आज श्री गणेश जी को सिंदूर से तिलक करें, दूर्वा अर्पित करें, और
“ॐ श्री गणेशाय नमः”
मंत्र का 108 बार जाप करें।
गौशाला जाकर गौमाता को हरा चारा खिलाएं, विशेष लाभ प्राप्त होगा।
🌄 गोवर्धन पूजा का पौराणिक महत्व
वरिष्ठ ज्योतिषाचार्य डॉक्टर मदन मोहन पाठक बताते हैं कि-
कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा को मनाया जाने वाला गोवर्धन पूजा या अन्नकूट उत्सव दीपावली के अगले दिन का प्रमुख पर्व है। इसका धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व अत्यंत गहरा है।
🌿 पौराणिक कथा
भगवान श्रीकृष्ण ने वृंदावन वासियों को बताया कि वर्षा कराने वाले इन्द्र नहीं, बल्कि गोवर्धन पर्वत हैं, जो अन्न, जल और जीवन का आधार हैं।
जब ब्रजवासी इन्द्र की पूजा छोड़ गोवर्धन की पूजा करने लगे, तो इन्द्र ने क्रोधित होकर मूसलाधार वर्षा की।
तब श्रीकृष्ण ने अपनी कनिष्ठा उंगली पर गोवर्धन पर्वत उठाकर समस्त ब्रजवासियों की रक्षा की।
सात दिन बाद इन्द्र को अपने अहंकार का बोध हुआ और उन्होंने श्रीकृष्ण से क्षमा मांगी।
🪔 धार्मिक संदेश
यह पर्व प्रकृति, गौवंश और अन्न के प्रति कृतज्ञता का प्रतीक है।
लोग गोवर्धन का प्रतीक बनाकर उसकी पूजा करते हैं, गायों को स्नान कराते हैं, पुष्पमालाओं से सजाते हैं और ताजे चारे से भोजन कराते हैं।
“अन्नकूट” का अर्थ है – अनेक प्रकार के अन्न का समूह। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण को 56 भोग अर्पित किए जाते हैं।
🕉️ ज्योतिषीय दृष्टि से महत्व
डॉ. पाठक के अनुसार गोवर्धन पूजा का शुभ समय सूर्योदय के पश्चात प्रतिपदा तिथि में सर्वोत्तम होता है।
इस दिन गौ पूजा, तुलसी पूजन, अन्नदान और दीपदान से समस्त पाप नष्ट होते हैं, और सुख, शांति, समृद्धि की प्राप्ति होती है।
🌾 आध्यात्मिक संदेश
डॉ. मदन मोहन पाठक कहते हैं —
> “गोवर्धन पूजा हमें यह सिखाती है कि ईश्वर हमारी हर रचना में विद्यमान हैं — चाहे वह पर्वत हो, गौमाता हो या अन्न का एक दाना। इन्हीं का आदर सच्ची भक्ति है।”
🙏 जय गोवर्धनधारी श्रीकृष्ण!
🐄 जय गोमाता! जय अन्नकूट महोत्सव!






