अल्मोड़ा राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय चौरकलेत अल्मोड़ा (हवालबाग)स0अ0 हिंदी
प्रभारी प्रधानाध्यापक जगदीश चन्द्र पाठक लेखक कवि एवं दार्शनिक विचारधाराओं से ओतप्रोत है आपके द्वारा लिखी काफी लेखनी पूर्व में की समाचार पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी है आपने इस बार हम मंदिर क्यों जाएं इस पर सुंदर और सारगर्भित लेख लिखा है जो इस प्रकार है———- जब परमात्मा सर्वव्यापी है हर जगह मौजूद है तब हम मन्दिर क्यों जाएं? इस प्रश्न ने मुझे बहुत उलझा के रख दिया था । मेरा परिवेश बचपन से ही पूजा पाठ वाला रहा है । मैंने कभी भी भगवान को मंदिर में कैद नहीं माना न अब मानता हूँ ।मुझे पूजा पाठ का ज्ञान है फिर भी मैं अपने प्रश्न का उत्तर नहीं समझ पाया ..आज अचानक प्रभु कृपा से समझ में आया कि , भगवान तो धरती के कण – कण में हैं हर जगह हैं । अब प्रश्न यह है कि मंदिर क्यों ? वो इस लिये कि, भक्त को या साधक को मंदिर में भगवान का आह्वान नहीं करना पड़ता क्योंकि सिद्ध साधकों द्वारा वहां भगवान को हमेशा के लिए स्थापित कर दिया गया होता है और भक्त सीधे भगवान को महसूस कर सकता है। दूसरी तरफ अन्यत्र भक्त को भगवान का आह्वान करना होता है जो बहुत सरल क्रिया नहीं है फिर भगवान की इच्छा कि वो आयें या नहीं क्यों कि हमारे कर्म भी रुकावट बन सकते हैं । इस लिये सिद्ध पीठ और मन्दिर जल्दी फलदायी होते हैं भारतवर्ष में अधिकांश सिद्ध पीठ आदिगुरु शंकराचार्य द्वारा प्राण प्रतिष्ठित हैं वहीं अत्यंत उग्र पीठ जनहित में उनके द्वारा कीलित भी किये गये हैं जैसे हमारे उत्तराखंड में गंगोलीहाट का श्री कालिका जी मन्दिर ॐ परमात्मने नमः

