देहरादून/नैनीताल, 12 जून 2025:
उत्तराखंड के लोकप्रिय आध्यात्मिक केंद्र कैंची धाम में इस वर्ष संभावित रिकॉर्ड श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज मुख्यमंत्री आवास में उच्चस्तरीय बैठक में महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए। मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रद्धालुओं की आस्था, सुरक्षा और सुविधा सर्वोच्च प्राथमिकता है और इसके लिए तात्कालिक, मध्यकालिक एवं दीर्घकालिक योजनाओं को युद्धस्तर पर तैयार कर लागू किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि
🔹 तात्कालिक उपायों के तहत इस वर्ष के मेले की व्यवस्थाएं सुदृढ़ की जाएं।
🔹 मध्यकालिक योजनाओं से व्यवस्थाओं को स्थायित्व मिले और
🔹 दीर्घकालिक रणनीतियों से भविष्य में तीर्थ प्रबंधन की एक मजबूत आधारशिला रखी जाए।
यातायात सुधार पर विशेष बल
धामी ने सेनेटोरियम से भवाली पेट्रोल पंप से आगे तक के लगभग 3 किमी मार्ग पर हो रहे कटिंग कार्य को युद्धस्तर पर पूर्ण करने के निर्देश दिए, जिससे मेले के दौरान यातायात को सुगम बनाया जा सके।
श्रद्धालुओं की संख्या में भारी बढ़ोतरी
जिलाधिकारी नैनीताल वंदना सिंह ने बताया कि कैंची धाम में पिछले एक वर्ष में लगभग 24 लाख श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचे, जो पूर्व वर्षों की औसत संख्या (8 लाख) से तीन गुना अधिक है। इस वर्ष 2.5 से 3 लाख श्रद्धालुओं के आने की संभावना है।
धारण क्षमता से कई गुना अधिक भीड़ – समाधान की दिशा में कदम
जिलाधिकारी ने कहा कि कैंची धाम की धारण क्षमता सीमित है, जबकि मेले के दौरान इससे कई गुना अधिक भीड़ उमड़ती है। उन्होंने ऑनलाइन पंजीकरण व्यवस्था लागू करने और प्रतिदिन श्रद्धालुओं की अधिकतम सीमा निर्धारित करने का सुझाव दिया, ताकि दर्शन सुगम, सुरक्षित और व्यवस्थित बनाए जा सकें।
बैठक में मौजूद रहे शीर्ष अधिकारी
इस महत्वपूर्ण बैठक में प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु, आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव शैलेश बगौली, विनय शंकर पांडेय, अपर पुलिस महानिदेशक ए.पी. अंशुमान, वर्चुअली आई.जी. कुमाऊं रिद्धिम अग्रवाल एवं एस.एस.पी. नैनीताल पी.एस. मीणा मौजूद रहे।
👉 विशेष आकर्षण:
मुख्यमंत्री की इस सक्रिय पहल से न केवल कैंची धाम मेले की गरिमा और व्यवस्था को बल मिलेगा, बल्कि यह आयोजन आने वाले वर्षों में संतुलित तीर्थ पर्यटन प्रबंधन का एक उत्कृष्ट उदाहरण बन सकता है।

