अल्मोड़ा वरिष्ठ ज्योतिषाचार्य पंडित डाक्टर मदन मोहन पाठक ने बताया क्या है निर्जला एकादशी का महात्म्य –
📅 यह व्रत तिथि: ज्येष्ठ शुक्ल एकादशी
विशेषता: वर्ष की सर्वाधिक पुण्यदायिनी एवं कठिनतम एकादशी
अन्य नाम: भीम एकादशी, पांडव एकादशी
🔱 व्रत का महत्व:
निर्जला एकादशी व्रत का संकल्प मात्र से मनुष्य समस्त एकादशियों के पुण्य का अधिकारी बनता है। यह व्रत पापों के प्रायश्चित और मोक्ष की प्राप्ति का उत्कृष्ट साधन है। जो व्यक्ति अन्य एकादशियों का पालन न कर सके, वह केवल इस एक व्रत के माध्यम से समस्त फल प्राप्त कर सकता है।
📜 पौराणिक कथा:
महाभारत के अनुशीलन में भीमसेन ने भगवान वेदव्यास से कहा कि वे उपवास सहन नहीं कर सकते। तब उन्हें निर्जला एकादशी का उपवास करने का निर्देश मिला। एक दिन अन्न-जल त्याग कर उन्होंने यह कठिन व्रत किया और उन्हें वर्ष की सभी एकादशियों का पुण्य प्राप्त हुआ। तभी से इसे “भीम एकादशी” भी कहा जाने लगा।
🪔 व्रत विधि:
1. व्रत से एक दिन पूर्व सात्विक भोजन कर व्रत का संकल्प लें।
2. एकादशी के दिन ब्रह्ममुहूर्त में स्नान कर पीले वस्त्र धारण करें।
3. भगवान विष्णु की प्रतिमा या चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर विधिवत पूजन करें।
4. तुलसी पत्र, पंचामृत, चंदन, केसर, पीले पुष्पों से पूजन करें।
5. दिन भर निर्जल व्रत रखें (जल तक ग्रहण न करें)।
6. भगवान विष्णु का पाठ, मंत्र-जप और विष्णुसहस्रनाम का पाठ करें।
7. द्वादशी तिथि में ब्राह्मण को अन्न-वस्त्र-दक्षिणा देकर व्रत का पारण करें।
🌿 दान और सेवा:
इस दिन जलपात्र, सत्तू, चावल, वस्त्र, छाता, पंखा, गुड़, फल आदि का दान अत्यंत शुभ माना गया है। गर्मी में प्यासों के लिए प्याऊ लगाना विशेष पुण्यकारी होता है।
✨ ज्योतिषीय विशेषता:
यह व्रत सूर्य के अधिक प्रभाव में शरीर और आत्मा को संयमित करने की प्रेरणा देता है। चंद्रमा की एकादशी तिथि में तप का तेज और सूर्य की उष्णता में आत्मसंयम, दोनों इस व्रत में समाहित हैं।
🙏 आध्यात्मिक संदेश:
निर्जला एकादशी केवल एक उपवास नहीं, एक आत्मिक तपस्या है। जब मनुष्य जल तक का त्याग कर प्रभु को समर्पित होता है, तब वह शरीर से नहीं, आत्मा से पूजा करता है। यही आत्मसमर्पण मोक्ष का द्वार खोलता है।
📖 शास्त्र प्रमाण:
“एकैव निर्जला प्रोक्ता यया सर्वं व्रतं फलम्।
सर्वपापविनिर्मुक्तो विष्णुलोके महीयते॥”
(स्कंद पुराण)
🌸 श्री हरि की कृपा से यह व्रत आपके जीवन में पवित्रता, शांति एवं मोक्ष का प्रकाश लाए 🌸
✍️ लेखक परिचय:
पंडित. डॉ. मदन मोहन पाठक
वरिष्ठ ज्योतिषाचार्य, वैदिक परंपरा एवं खगोल ज्योतिष के मर्मज्ञ।
(विशेषज्ञ – व्रत पर्व, जन्मकुंडली विश्लेषण, संस्कार विधि)
संपर्क नंबर 9411703908

