— रिपोर्ट: कुमाऊं से बदलाव की शुरुआत
“जब प्रहरी ही साजिश में शामिल हो जाए, तब न्याय की उम्मीद धुंधली पड़ने लगती है। लेकिन हल्द्वानी से आई ये खबर बताती है कि अंधेरे में भी रौशनी की एक किरण अब भी बाकी है।”
उत्तराखंड के कुमाऊं रेंज में एक साहसिक कदम उठाया गया है, जो शायद आने वाले वक्त में पुलिसिंग की परिभाषा ही बदल दे। कुमाऊं रेंज की पुलिस महानिरीक्षक (IG) श्रीमती रिद्धिम अग्रवाल ने एक विशेष टास्क फोर्स — SOTF (Special Operation Task Force) — का गठन किया है। नाम चाहे फिल्मी लगे, लेकिन इसके इरादे और ज़मीनी काम बेहद ठोस और गंभीर हैं।
क्या है SOTF?
यह विशेष टीम ड्रग्स माफिया, संगठित अपराध और पुलिस की आपराधिक मिलीभगत जैसे गंभीर मामलों की जांच करेगी। ये टीम कुमाऊं के सभी ज़िलों – नैनीताल, ऊधमसिंहनगर, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, बागेश्वर और चंपावत – में सक्रिय रहेगी।
सबसे खास बात यह है कि SOTF में वही पुलिसकर्मी शामिल किए गए हैं जो स्वेच्छा से, पूरे जज़्बे के साथ इस मिशन का हिस्सा बनना चाहते थे। जिनके मन में ज़रा भी झिझक या दुविधा थी, उन्हें टीम से बाहर रखा गया।
सीधे IG को रिपोर्ट
SOTF टीम सीधे IG रिद्धिम अग्रवाल को रिपोर्ट करेगी। यह टीम आम शिकायतों पर नहीं, बल्कि उन मामलों पर काम करेगी जो पुलिस तंत्र के भीतर मौजूद सड़ांध को दूर करने के लिए सबसे ज़रूरी हैं।
IG अग्रवाल का साफ संदेश है –
“अगर किसी भी पुलिसकर्मी की संलिप्तता मिली, तो ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति के तहत कार्रवाई की जाएगी। ये चेतावनी नहीं, कार्रवाई का एलान है।”
नागरिकों के लिए हेल्पलाइन
साधारण नागरिक अब 9411110057 नंबर पर ड्रग्स तस्करी, संगठित अपराध, और पुलिस की संदिग्ध भूमिका की जानकारी सीधे साझा कर सकते हैं। शिकायतकर्ता की पहचान पूरी तरह गोपनीय रखी जाएगी।
क्यों है यह पहल ज़रूरी?
कुमाऊं के स्कूल और कॉलेजों के आसपास नशे का जाल फैलता जा रहा है। यह नशा बच्चों के भविष्य को धीरे-धीरे निगल रहा है। SOTF का गठन सिर्फ एक ऑपरेशन नहीं, बल्कि समाज के भविष्य की रक्षा का संकल्प है।
नज़र रखने वाली नज़र
यह टास्क फोर्स किसी एक अपराध पर नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम पर नज़र रखेगी — यह पहली बार है जब पुलिस पर खुद पुलिस की नज़र होगी। सवाल सिर्फ ये है कि ये नज़र कितनी तेज़, निष्पक्ष और टिकाऊ साबित होती है।
✅ अगर यह मॉडल सफल होता है, तो यह पूरे देश के लिए एक आदर्श बन सकता है।
✊ अब सिर्फ अपराधियों को नहीं, भ्रष्ट सिपाहियों को भी डरना होगा।
📞 शिकायत करें: 9411110057 – आपका नाम गुप्त रहेगा।
“सुधार का पहला कदम वही होता है, जब कोई खुद को बदलने की हिम्मत दिखाए। कुमाऊं की पुलिस ने वो हिम्मत दिखाई है। अब ज़िम्मेदारी हमारी है — आवाज़ उठाने की।”

