अल्मोड़ा यहां के वरिष्ठ ज्योतिषाचार्य पंडित डाक्टर मदन मोहन पाठक ने श्रावणी उपक्रम एवं रक्षाबंधन को लेकर सभी भ्रांतियां को दूर करते हुए स्पष्ट किया है की इस बार रक्षाबंधन 30 तारीख अगस्त को मनाया जाएगा डॉक्टर पाठक ने कहा देव कार्य करने से सभी आपदाएं दूर होती हैं अर्थात रक्षाबंधन के दिन गणेश पूजा मात्रिका का पूजन, आभ्युदक श्राद्ध ,पुण्यावाचन, , कलश स्थापन , रक्षाविधान, ग्रह पूजा सहित देव, ऋषि, पितृ तर्पण, जैसे महत्वपूर्ण पूजा अर्चना होने के कारण भद्रा का कोई दोष नहीं रहता, ईश्वरीय कार्य में भद्रा बाधक नहीं है। खासतौर पर जबकि 31/8/2023 को पूर्णिमा तीन मुहूर्त से भी काम है ,ध्यान रहे —शास्त्र कारों ने श्रावणी उपक्रम के लिए छह मुहूर्त व रक्षाबंधन के लिए तीन मुहूर्त उदय व्यापिनी पूर्णिमा ना होने पर पूर्व दिन उपक्रम व रक्षाबंधन करने की स्पष्ट आज्ञा दी है। पूर्ण विश्लेषण के बाद धर्म सिंधुकर ने बहुत ही कठोर शब्दों में सभी शाखों के यजुर्वेदियों को आदेश दिया है कि दो मुहूर्त से कभ पूर्णिमा क्षय होने पर तात्पर्य यह है कि दो मुहूर्त से कम पूर्णिमा को तिथि क्षय के श्रेणी में रखा है। और ऐसी स्थिति में श्रावणी उपाकर्म को पहले ही दिन मनाने की आज्ञा दी है। कुछ लोग भद्रा को लेकर तरह तरह की बात कर रहे हैं****** जबकि भद्रा का मुखकाल ही इस पर्व में वर्जित है जो सांय ********7.31 से 9.30 *****है ।अर्थात रक्षाबंधन पूरे दिन भर मना सकते हैं । डाक्टर पाठक ने स्पष्ट किया कि आप उपरोक्त सभी बिंदुओं पर बिचार करते हुए रक्षाबंधन 30/08/2023 को ही मनाएं अगर बात वाद-विवाद की आती है,तब भी श्रावणी उपक्रम 30 अगस्त को ही मनाया जाएगा क्योंकि रक्षा बंधन एवं श्रावणी उपाक्रम जिसमें देव- ऋषि- पितृ तर्पण *तीन प्रकार का स्नान जिसमें गोमय ,मिट्टी ,और राख से स्नान होता है ,तदुपरांत शुद्ध होकर+ निर्मल भाव से पंचांग कर्म किया जाता है, जिसमें कम से कम 6 या 7 घंटे लग जाते हैं ।जो की शास्त्र के अनुसार संभव नहीं है, क्योंकि दूसरे दिन पूर्णमासी बहुत ही कम अल्प है ,अर्थात ऐसी स्थिति में श्रावणी उपाक्रम पहले दिन मनाना हर प्रकार ग्राह्य है ।


 
			 
                                



