🔸 हल्द्वानी, 9 जून 2025:
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा APS स्कूल लामाचौड़ एवं घोष वर्ग एम.आई.ई.टी. परिसर में विगत 25 मई से 9 जून 2025 तक संचालित 15 दिवसीय संघ शिक्षा वर्ग (शालेय एवं घोष वर्ग) का समापन समारोह आज भव्य रूप से संपन्न हुआ।
इस अवसर पर कार्यक्रम अध्यक्ष के रूप में माननीय न्यायमूर्ति (आ. प्रा.) प्रफुल्ल चंद्र, पूर्व न्यायाधीश – उच्चतम न्यायालय, तथा मुख्य वक्ता के रूप में श्री राजकुमार मटाले, अखिल भारतीय सह सेवा प्रमुख, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, की गरिमामयी उपस्थिति रही।
📚 संघ शिक्षा वर्ग: राष्ट्र निर्माण की पाठशाला
संघ शिक्षा वर्ग, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय श्रृंखला का एक महत्वपूर्ण अंग है, जहां विद्यार्थी स्वयंसेवक बंधु-भाव, देशभक्ति, समरसता, संघीय अनुशासन, और ध्येयनिष्ठ जीवन मूल्यों के साथ प्रशिक्षित होते हैं। इस वर्ग में विद्यार्थियों को योग, घोष, दंड संचालन, सामूहिक समता आदि के माध्यम से चरित्र निर्माण की सशक्त प्रक्रिया से गुजारा गया।
समापन समारोह में स्वयंसेवकों द्वारा घोष की मनोहारी प्रस्तुतियाँ, दंड युद्ध प्रदर्शन, सामूहिक पथ संचलन, एवं योग क्रियाएं प्रस्तुत की गईं, जिसने सभी उपस्थित जनों को भावविभोर कर दिया।
🎙️ प्रमुख अतिथियों के प्रेरक उद्बोधन
✦ न्यायमूर्ति (आ.प्रा.) प्रफुल्ल चंद्र:
उन्होंने कहा कि “राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने विगत 100 वर्षों में भारत की संस्कृति, एकता और सामाजिक चेतना को जोड़ने में अहम भूमिका निभाई है।”
उन्होंने बताया कि संघ के स्वयंसेवकों ने देश के विभिन्न हिस्सों में अनुशासन, समाज सेवा, राष्ट्र समर्पण के कार्यों से समाज को नई दिशा दी है।
पूर्व न्यायाधीश ने भारत की परिवार-प्रधान संस्कृति की चर्चा करते हुए कहा कि जैसे एक परिवार प्रेम, त्याग और सामंजस्य से चलता है, वैसे ही राष्ट्र की एकता हेतु समस्त हिंदू समाज का संगठित होना अनिवार्य है।
✦ श्री राजकुमार मटाले (अखिल भारतीय सह सेवा प्रमुख):
अपने ओजस्वी संबोधन में उन्होंने भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा, “व्यक्ति निर्माण ही समाज निर्माण का आधार है, और संघ की शाखा इसका केंद्र बिंदु है।”
उन्होंने बताया कि डॉ. हेडगेवार ने संघ की स्थापना इसी उद्देश्य से की थी कि भारत को नैतिक, शक्तिशाली एवं आत्मनिर्भर समाज के रूप में पुनः स्थापित किया जा सके।
उन्होंने आतंकवाद, पारिवारिक विघटन, पश्चिमी पूंजीवादी प्रभाव, और पर्यावरणीय संकट पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि संघ इन चुनौतियों से लड़ने के लिए कुटुंब प्रबोधन, जल संरक्षण, पर्यावरण संवर्धन, नागरिक कर्तव्य जागरूकता जैसे विविध कार्यक्रमों से समाज में जागरूकता फैला रहा है।
🌿 संघ का सामाजिक व सांस्कृतिक योगदान
श्री मटाले ने बताया कि वर्तमान में संघ से 40 से अधिक सेवा-समर्पित संगठन जुड़े हैं जो शिक्षा, स्वास्थ्य, ग्राम विकास, पर्यावरण संरक्षण, इत्यादि क्षेत्रों में कार्यरत हैं।
संघ के द्वितीय सरसंघचालक पूज्य गुरुजी (एम.एस. गोलवलकर) द्वारा स्थापित विश्व हिंदू परिषद ने संतों के मार्गदर्शन में सामाजिक समरसता के क्षेत्र में ऐतिहासिक कार्य किए हैं।
👥 वर्ग अधिकारीगण की भूमिका
इस समापन समारोह में कई वरिष्ठ कार्यकर्ताओं एवं अधिकारियों की सक्रिय भूमिका रही:
वर्गाधिकारी: शिवराज
वर्ग कार्यवाह: आशीष ओबरॉय
वर्ग पालक: संजय
प्रांत प्रचारक: डॉ. शैलेंद्र
सह प्रांत प्रचारक: चंद्रशेखर
विभाग प्रचारक: इन्द्र मोहन
व्यवस्था प्रबंधक: यशपाल बिष्ट
सह प्रबंधक: प्रदीप जनोटी
इन सभी ने संघ शिक्षा वर्ग की व्यवस्था, अनुशासन एवं संचालन को सफलतापूर्वक संपन्न कराने में विशेष भूमिका निभाई।
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📌 निष्कर्ष: भारत के नव निर्माण की ओर एक संगठित कदम
यह समापन समारोह न केवल संघ के शताब्दी वर्ष में प्रवेश का प्रतीक रहा, बल्कि यह भी दर्शाता है कि भारत के युवा वर्ग को संस्कार, सेवा और राष्ट्रभक्ति के साथ प्रशिक्षित कर सशक्त भारत की दिशा में संघ किस प्रकार कार्य कर रहा है।
कार्यक्रम का यह आयोजन निस्संदेह, सामाजिक चेतना, संगठनात्मक विकास और राष्ट्र निर्माण की दिशा में एक सशक्त कदम सिद्ध हुआ है।






