अल्मोड़ा। साइबर अपराधियों के बढ़ते जाल के बीच अल्मोड़ा पुलिस ने एक बड़ी कामयाबी हासिल की है। देघाट थाना व एसओजी अल्मोड़ा की संयुक्त टीम ने 18 लाख 80 हजार रुपये की ठगी करने वाले एक शातिर साइबर ठग को राजस्थान से दबोच लिया। आरोपी ने खुद को “क्राइम ब्रांच ऑफिसर” बताकर देघाट क्षेत्र के एक बुजुर्ग को 10 दिन तक डिजिटल अरेस्ट में रखा और लाखों रुपये ठग लिए।
🕵️♂️ मामला ऐसे हुआ उजागर
दिनांक 05 सितम्बर 2025 को देघाट निवासी गोपाल दत्त ने थाना देघाट में तहरीर दी कि एक अज्ञात व्यक्ति ने खुद को क्राइम ब्रांच अधिकारी बताकर उनके साथ 18 लाख 80 हजार रुपये की ठगी की है।
वादी ने बताया कि उन्हें 10 दिनों तक यह कहकर डराया गया कि वे बैंक धोखाधड़ी के मामले में शामिल हैं और उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग केस दर्ज किया जाएगा। भयभीत होकर उन्होंने आरोपी के कहने पर अपनी एफडी तुड़वाई और दो किश्तों (27 और 29 अगस्त) में रुपये ट्रांसफर कर दिए।
⚡ “डिजिटल अरेस्ट” का शातिर खेल
वादी को एक व्हाट्सएप वीडियो कॉल आई जिसमें खुद को क्राइम ब्रांच दिल्ली का अधिकारी बताने वाले व्यक्ति ने कहा कि उनका नंबर बैंक धोखाधड़ी में इस्तेमाल हुआ है।
फिर धमकी दी गई —
> “आप नरेश अग्रवाल नामक ठग से जुड़े हैं… अब आपको डिजिटल अरेस्ट किया जा रहा है… किसी से बात मत करना, नहीं तो जेल भेज दिए जाओगे।”
आरोपियों ने भय का माहौल बनाकर बुजुर्ग से बैंक डिटेल्स, कैश और ज्वेलरी की जानकारी ली। इतना ही नहीं, बैंक जाते समय कहा गया कि बाहर सादी वर्दी में पुलिस तैनात है, किसी से कुछ मत कहना।
👮♂️ पुलिस की सटीक कार्रवाई
एसएसपी अल्मोड़ा देवेन्द्र पींचा के निर्देशन में अपर पुलिस अधीक्षक हरबन्स सिंह व सीओ रानीखेत विमल प्रसाद के पर्यवेक्षण में विशेष टीम गठित की गई।
निरीक्षक भुवन जोशी (प्रभारी एसओजी) और थानाध्यक्ष देघाट अजेन्द्र प्रसाद के नेतृत्व में एसओजी व थाना देघाट की टीम ने लगातार सुरागरसी-पतारसी की।
साइबर सेल प्रभारी राहुल राठी के नेतृत्व में तकनीकी विश्लेषण के बाद राजस्थान के सूरतगढ़ से साहिल कुमार (24 वर्ष, पुत्र कृष्ण कुमार, निवासी वार्ड नं. 14, शिवबाड़ी रोड, श्रीगंगानगर) को गिरफ्तार कर लिया गया।
टीम अन्य साथियों की तलाश में दबिशें दे रही है।
💬 एसएसपी अल्मोड़ा की जनता से अपील
> “पुलिस या किसी अन्य सरकारी विभाग में डिजिटल अरेस्ट नाम की कोई कानूनी प्रक्रिया नहीं होती।
ऐसे किसी फोन कॉल, वीडियो कॉल या धमकी से सावधान रहें।
यदि आपके साथ साइबर ठगी हो जाए, तो तुरंत हेल्पलाइन नंबर 1930 पर शिकायत करें, जिससे आपकी धनराशि सुरक्षित की जा सके।”
👮♀️ पुलिस टीम
1. उ.नि. गंगा राम गोला – थाना देघाट
2. हे.का. अवधेश कुमार – एसओजी अल्मोड़ा
3. का. सुरेन्द्र सिंह – थाना देघाट
4. सर्विलांस टीम – साइबर सेल अल्मोड़ा
💡 पुलिस की चेतावनी:
“डिजिटल अरेस्ट” केवल ठगों का मनगढ़ंत झांसा है।
किसी अज्ञात व्यक्ति को OTP, बैंक डिटेल, पासवर्ड या धनराशि न दें।
किसी भी संदिग्ध कॉल की तुरंत सूचना पुलिस या साइबर हेल्पलाइन को दें।
👉 देघाट पुलिस व एसओजी अल्मोड़ा की यह कार्रवाई न केवल एक बड़ी ठगी का पर्दाफाश है बल्कि साइबर अपराधियों के लिए स्पष्ट संदेश भी — अपराध कितना भी डिजिटल क्यों न हो, अल्मोड़ा पुलिस की नज़र से नहीं बच सकता!

