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October 18, 2025

आज है धनतेरस आइए जानते हैं इसका पौराणिक महत्व दैनिक पंचांग के साथ

News Deskby News Desk
in उत्तराखंड, ज्योतिष, देश, धार्मिक, शिक्षा
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आज का पंचांग आइये जानते हैं कैसा रहेगा आपका दिन
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🌺 धनतेरस पर विशेष आलेख

✍️ वरिष्ठ ज्योतिषाचार्य आचार्य पंडित डॉक्टर मदन मोहन पाठक

अल्मोड़ा / हल्द्वानी

दिनांक – 18 अक्टूबर 2025

ॐ श्री गणेशाय नमः,

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ॐ श्री धन्वंतरये नमः।

वरिष्ठ ज्योतिषाचार्य आचार्य पंडित डॉ. मदन मोहन पाठक ने बताया कि आज धनतेरस का पावन पर्व पूरे श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जाएगा।

 

कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी तिथि को मनाया जाने वाला धनतेरस पर्व दीपावली के पांच दिवसीय महोत्सव का प्रथम दिवस होता है। यह दिन स्वास्थ्य, समृद्धि और शुभ आरंभ का प्रतीक माना गया है। धर्मशास्त्रों में इसे धन्वंतरि जयंती भी कहा गया है क्योंकि इस दिन समुद्र मंथन से भगवान धन्वंतरि अमृत कलश एवं आयुर्वेद शास्त्र लेकर प्रकट हुए थे।

 

🔱 धार्मिक महत्त्व

धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा करने से दीर्घायु, आरोग्य और रोगमुक्त जीवन की प्राप्ति होती है।

इस दिन धन की देवी महालक्ष्मी और कुबेर देव की आराधना भी की जाती है, जिससे घर में सुख, समृद्धि और ऐश्वर्य का वास होता है।

ऐसा विश्वास है कि इस दिन स्वर्ण, रजत, पीतल या तांबे की वस्तु खरीदना अत्यंत शुभ फल देता है।

 

🌸 पूजा विधि

धनतेरस के दिन संध्या काल में दीप जलाकर भगवान धन्वंतरि, माता लक्ष्मी और कुबेर देव की पूजा की जाती है।

यदि किसी व्यक्ति को असाध्य रोग नहीं छोड़ रहे हों, तो आज सांय प्रदोष काल में गणेश-लक्ष्मी का पूजन कर श्री धन्वंतरी जी का षोडशोपचार पूजन करें और 1100 आहुति तिल एवं घी की हवन में दें — इससे विशेष लाभ प्राप्त होगा।

घर के मुख्य द्वार पर दीप जलाएं और गोमती चक्र या कौड़ियां रखें।

तांबे या पीतल के पात्र में गंगाजल भरकर भगवान धन्वंतरि का आवाहन करें।

“ॐ धन्वंतरये नमः” मंत्र का जाप करें।

लक्ष्मी-कुबेर के साथ भगवान धन्वंतरि की आरती करें।

💰 ज्योतिषीय दृष्टि से महत्त्व

ज्योतिष के अनुसार, धनतेरस त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है जो धन और आरोग्य दोनों से जुड़ी हुई है।

यह तिथि धनिष्ठा नक्षत्र और वृषभ राशि से संबंध रखती है, जो शुक्र ग्रह के प्रभाव में आती है — और शुक्र ही सुख, संपन्नता तथा सौंदर्य का कारक ग्रह माना गया है।

इस दिन यदि शुभ मुहूर्त में खरीदारी, निवेश या नया कार्य आरंभ किया जाए, तो वह स्थायी रूप से फलदायक सिद्ध होता है।

 

🌿 आयुर्वेद और स्वास्थ्य की दृष्टि से

 

भगवान धन्वंतरि को आयुर्वेद के जनक कहा गया है।

इस दिन आयुर्वेदिक औषधियां, तांबे के पात्र, तुलसी, शहद आदि का उपयोग आरोग्य की दृष्टि से अत्यंत शुभ माना गया है।

यह भी कहा गया है कि धनतेरस पर किया गया दान एवं दीपदान रोग, दुःख और दरिद्रता का नाश करता है।

 

🌕 उपसंहार

धनतेरस केवल धन की खरीद का दिन नहीं, बल्कि स्वास्थ्य, समृद्धि और संतुलित जीवन का उत्सव है।

हम सभी को इस दिन यह संकल्प लेना चाहिए कि हम अपने जीवन में स्वास्थ्य, स्वच्छता और सद्भाव बनाए रखें — यही सच्चे अर्थों में धनतेरस का संदेश है।

 

“आरोग्यं परमं भाग्यं, स्वास्थ्यं सर्वार्थसाधनम्।”

(अर्थात — स्वास्थ्य ही सबसे बड़ा धन है, जिसके रहते सभी कार्य सिद्ध होते हैं।)

 

आप सभी को धनतेरस की हार्दिक शुभकामनाएं बहुत बहुत बधाई

💫✨🌼 डॉक्टर मदन मोहन पाठक

वरिष्ठ ज्योतिषाचार्य एवं धर्मशास्त्र विशेषज्ञ

अल्मोड़ा, उत्तराखंड

🕉️ आज का पंचांग (शनिवार, 18 अक्टूबर 2025)

ॐ श्री गणेशाय नमः

श्री संवत् 2082, श्री शाके 1947

वर्ष – सिद्धार्थी नाम संवत्सर

रवि – दक्षिणायन, ऋतु – शरद ऋतु

तिथि – कार्तिक कृष्ण पक्ष द्वादशी / धनतेरस / यम दीपदान / धन्वंतरि जयंती

वार – शनिवार

योग – आनंदादि योग, लुम्बक नाम योग

विशेष योग – शनि प्रदोष

चंद्रमा – रात्रि 10 बजकर 12 मिनट से कन्या राशि में प्रवेश करेंगे

महात्म्य मास – कार्तिक मास (महात्म्य मास का द्वितीय दिन)

🌞 महत्वपूर्ण समय

राहुकाल – प्रातः 9:03 से 10:28 तक ❌ (इस दौरान समस्त शुभ कार्य वर्जित)

शुभ मुहूर्त (अभिजित मुहूर्त) – प्रातः 11:31 से दोपहर 12:16 तक ✅ (सभी शुभ कार्यों हेतु श्रेष्ठ समय)

🌿 इस पावन दिन पर सभी भक्तजन भगवान धन्वंतरि का ध्यान करें, दीपदान करें तथा आरोग्य व समृद्धि की कामना करें।

 

 

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