🕉️ दैनिक पंचांग
📅 दिनांक: 6 अक्टूबर 2025 (सोमवार)
📍 स्थान: अल्मोड़ा / हल्द्वानी
ॐ श्री गणेशाय नमः
श्री संवत्: 2082 शाके: 1947
वर्ष नाम: सिद्धार्थी ऋतु: शरद ऋतु
मास: आश्विन शुक्ल पक्ष तिथि: चतुर्दशी तिथि
आज ही है: व्रत की पूर्णिमा — शरद पूर्णिमा / कोजागरी पूर्णिमा
आसौज माह दिन: 20 गते
वार: सोमवार
योग: आनन्दादि योग, मध्य मूसल नाम योग
चंद्र स्थिति: मीन राशि में स्थित रहेंगे
राहुकाल: प्रातः 7:33 से 9:01 बजे तक (इस दौरान समस्त शुभ कार्य वर्जित)
अभिजीत मुहूर्त: प्रातः 11:33 से 12:20 बजे तक (शुभ कार्यों के लिए श्रेष्ठ समय)
🌟 श्री हरि ज्योतिष अनुसंधान योग एवं कर्मकांड संस्थानम्

📍 अल्मोड़ा, उत्तराखंड
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♈ आज का राशिफल (6 अक्टूबर 2025)
मेष: दिन सामान्य रहेगा। मन खिन्न रहेगा। कोई भी कार्य सोच-समझकर करें। जल्दबाजी में निर्णय न लें। स्वास्थ्य का ध्यान रखें।
वृषभ: दिन शुभ रहेगा। संपत्ति में वृद्धि संभव है। लंबे समय से रुके कार्य पूर्ण होंगे। विद्यार्थी वर्ग को सफलता मिलेगी।
मिथुन: आज भाग्य आपका साथ देगा। कार्यक्षेत्र में उन्नति के योग हैं। मान-सम्मान बढ़ेगा, पदोन्नति संभव।
कर्क: पारिवारिक जीवन में हर्ष रहेगा। कार्यक्षेत्र में सफलता, प्रेम प्रसंगों में शुभ परिणाम।
सिंह: दिन सामान्य रहेगा। विवादों से बचें, लेन-देन में सावधानी रखें। आर्थिक स्थिति ठीक रहेगी।
कन्या: आज का दिन शुभ और लाभकारी रहेगा। कार्य में सफलता, पदोन्नति और मान-सम्मान की प्राप्ति होगी।
तुला: आर्थिक पक्ष मजबूत रहेगा। शत्रु पर विजय मिलेगी। मन प्रसन्न रहेगा, आत्मविश्वास बढ़ेगा।
वृश्चिक: घर-परिवार में मांगलिक कार्य संभव। संतान से सुख प्राप्त होगा।
धनु: स्वास्थ्य पर ध्यान दें। विवादों से बचें। आर्थिक दृष्टि से दिन ठीक रहेगा।
मकर: कार्यक्षेत्र में उन्नति, प्रेम प्रसंगों में सफलता। परिवार का सहयोग मिलेगा।
कुंभ: यात्राओं के योग। कार्य में सफलता, आर्थिक स्थिति मजबूत। पदोन्नति की संभावना।
मीन: दिन अत्यंत शुभ रहेगा। व्यापार में लाभ, धार्मिक कार्यों में रुचि।
🕉️ आज का विशेष उपाय:
सभी राशि के जातक भगवान शिव शंकर जी का जलाभिषेक करें और “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का 108 बार जाप करें। इससे जीवन में शांति और समृद्धि बढ़ेगी।
🌕 शरद पूर्णिमा विशेष लेख
1. तिथि और समय:
शरद पूर्णिमा आश्विन मास की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है। यह वर्ष की सबसे पवित्र और शुभ पूर्णिमाओं में से एक है।
2. धार्मिक महत्व:
मान्यता है कि इस दिन चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं के साथ धरती पर अमृत वर्षा करता है।
इस रात माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व होता है।
इसी कारण इसे कोजागरी पूर्णिमा या कोजागरी लक्ष्मी व्रत भी कहा जाता है।
3. व्रत और पूजा विधि:
भक्तजन दिनभर उपवास रखते हैं।
रात्रि में चंद्रमा के उदय होने पर चाँद को अर्घ्य देकर व्रत खोला जाता है।
खीर बनाकर चांदनी में रखी जाती है, ताकि उसमें अमृत तुल्य गुण समाहित हो जाएं, और बाद में परिवार सहित प्रसाद के रूप में ग्रहण की जाती है।
ध्यान, जप, कीर्तन और भजन-पूजन का विशेष महत्व होता है।
4. वैज्ञानिक दृष्टि से:
इस दिन चंद्रमा पृथ्वी के सबसे निकट होता है, जिससे उसकी किरणों में औषधीय गुण अधिक होते हैं।
रात्रि की चांदनी ठंडक प्रदान करती है और शरीर को स्फूर्ति देती है।
चांदनी में रखे भोजन में रोग प्रतिरोधक तत्व बढ़ जाते हैं।
5. सांस्कृतिक पहलू:
कई स्थानों पर रासलीला, भजन संध्या और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
श्रीकृष्ण द्वारा महारास इसी रात को किया गया था, ऐसी मान्यता है।
6. लोकमान्यता:
कहा जाता है कि इस रात जो जागता है, उस पर माता लक्ष्मी की कृपा बरसती है।
इसी से इसका नाम पड़ा — “को-जागरी पूर्णिमा”, अर्थात् “कौन जाग रहा है?”
👉 सार:
शरद पूर्णिमा आध्यात्मिक पवित्रता, स्वास्थ्य और समृद्धि का पर्व है।
चंद्रमा की शीतल किरणों में प्रकृति और मानव जीवन दोनों अमृतमय हो उठते हैं।
🌕 शरद पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं 🌕
चंद्रकांतिमय इस रात्रि में माँ लक्ष्मी आपके घर धन, स्वास्थ्य और सौभाग्य की वर्षा करें।
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