Tuesday, October 28, 2025
Devbhoomi News service
Advertisement
  • उत्तराखंड
  • देश
  • विदेश
  • राजनीति
  • ज्योतिष
  • धार्मिक
  • खेल
  • मौसम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • रोजगार
  • कृषि
  • व्यापार
No Result
View All Result
  • उत्तराखंड
  • देश
  • विदेश
  • राजनीति
  • ज्योतिष
  • धार्मिक
  • खेल
  • मौसम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • रोजगार
  • कृषि
  • व्यापार
No Result
View All Result
Devbhoomi News service
No Result
View All Result

September 12, 2025

क्या होगी नेपाल की नयी दिशा और दशा

News Deskby News Desk
in देश, राजनीति
0
क्या होगी नेपाल की नयी दिशा और दशा
Spread the love

(डॉ. गिरिजा किशोर पाठक-विनायक फीचर्स)

1982 में मुझे बीएचयू से एक शोध के सिलसिले में 4-5 महिने त्रिभुवन विश्वविद्यालय, काठमांडू में रहने का मौका मिला था। तब वहां राजशाही थी,राजा वीरेन्द्र थे। लोग उन्हें “श्री महाराजाधिराज” बोलते थे। इस दौर में मैंने विदेश नीति पर राजा वीरेन्द्र का एक साक्षात्कार भी लिया था। वे विनम्र, उदार एवं सनातन में ठोस आस्था रखते थे। उस दौर में नेपाल का भारत के साथ ही चीन के प्रति झुकाव बढ़ रहा था। 1982-83 के उस दौर में उत्तर भारत में ढेर सारे नेपाली लोग काम काज की तलाश में आते थे । उनको लोग डोट्याव कहते थे क्योंकि वे डोटी प्रांत के रहवासी थे ।

नेपाल में मेरी मुलाकात कम्युनिस्ट पार्टी की प्रमुख साहना प्रधान , प्रो. लोकराज बराल के अतिरिक्त अनेक आन्दोलनकारी नेताओं से हुई थी। पश्चिम बंगाल की तर्ज पर सभी कम्युनिस्ट नेता चीन से सपोर्ट प्राप्त करते थे। नेपाली कांग्रेस का झुकाव भारत की ओर था।

समय बदलता गया। नये नये आंदोलन खड़े हुए।

1990 में जनआन्दोलन के बाद बहुदलीय लोकतंत्र की स्थापना हुई। राजा की सत्तावादी भूमिका खत्म हुई, और संविधान ने संसदीय प्रणाली को अपनाया।

2006 में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (माओवादी) के साथ मिलकर व्यापक जन आंदोलन हुआ। इसके परिणामस्वरूप राजा का निरंकुश शासन समाप्त हुआ। नेपाल एक संघीय लोकतांत्रिक गणराज्य बना। 2015 में नेपाल ने नया संविधान अपनाया, जो संघीय गणराज्य के रूप में देश को पुनः परिभाषित करता है। इसमें सामाजिक न्याय, समानता, और मानवाधिकार को प्रमुखता दी गई। संविधान के अपनाने के बाद मघेशी समुदाय (सीमा क्षेत्र के लोग) ने यह आरोप लगाया कि संविधान उनके हक़ और प्रतिनिधित्व को पर्याप्त रूप से मान्यता नहीं देता। असंतोष जारी रहा। मार्च 2025 में राजशाही के पक्ष में आंदोलन हुए लेकिन ओली और बेमेल गठबंधन सरकार कुछ समझ नहीं पायी। ओली भारत विरोध से ही राष्ट्रीयता की अलख जगाने में मशगूल रहे। बेमेल गठबंधनों की तथाकथित लोकतंत्रिक सरकार युवाओं की आकांक्षा पूरी करने में विफल रही।ओली कम्युनिस्ट के चोले के भीतर घोर पूंजीवादी और भ्रष्ट सरकार चला रहे थे।

 

*विरोध की आग*

 

राजनीतिक अस्थिरता और बेमेल गठबंधन की सरकारें नेपाल की 3 करोड़ जनता की अपेक्षा और आकांक्षाओं की पूर्ति नहीं कर पायी। भ्रष्टाचार , बेरोजगारी और बढ़ती असमानता के कारण भीतर ही भीतर जन आक्रोश बढ़ता गया। जहां जीडीपी का 37% बाहर नौकरी करने वाले लोगों की पेंशन और वेतन से मिल रहा था वहीं 35 सालों से राज कर रहे नेताओं की संपत्ति में अकूत वृद्धि होती गयी और संसाधनों पर उनके ही बच्चों की बढ़ती हिस्सेदारी ने नैपो किड्स/नैपो बेबीस जैसे भाव अंकुरित किये। इन परिस्थितियों में लगातार सरकारें गिरती रहीं, गठबंधन टूटते रहे। राजनीतिक नेतृत्व पर भरोसा कमजोर हुआ।

इस सबके बीच 26 सोशल मीड़िया प्लेटफार्म पर ओली सरकार के बैन ने आग में घी का काम किया। 8 सितंबर को युवा जेन जी आंदोलन के रुप में हिंसक हो गये। 9 सितंबर को नेपाल के सुप्रीमकोर्ट ,संघीय संसद , प्रधानमंत्री निवास , राष्ट्रपति निवास सब फूंक दिये। अभी तक 22 आंदोलनकारी मारा जाना बताया गया है। यहां तक कि विश्व प्रसिद्ध पशुपति नाथ मंदिर में भी लूट के प्रयास किए जाने की खबरें मिली हैं।। त्यागपत्र के बाद ओली हेलिकॉप्टर के साथ फरार हैं और उनकी टेलनेट भी।

अब नेपाली जनता सहित पड़ोसी देश चीन और भारत स्थितियों पर नजर बनाए हुए हैं तो अमेरिका की भी दक्षिण एशिया पर अपने हितों के अनुसार तीखी नजर रहती है। इस आंदोलन से पहले रवि लामिछाने,( जो पूर्व उप प्रधान मंत्री हैं) जेल में थे। आंदोलन के दौरान भीड़ ने उन्हें जेल से बाहर निकाल लिया है। बताते हैं कि वे अमेरिकी हितों का संवर्धन कर सकते हैं। पापुलर रैपर,नेता,काठमांड़ू मेयर बालेंद शाह और हामी नेपाल के चीफ सुदान गुरुंग भी नयी भूमिका निभा सकते हैं। अराजक आंदोलन में से सेना और राष्ट्रपति किसके साथ बात करें? शांति बहाल कैसे हो? इस प्रश्न का हल सत्ता की शीर्ष प्राथमिकता रहेगी। आने वाले समय में नेपाली सेना और नेतृत्व के लिए आंतरिक शांति के साथ साथ असमानता,बेरोजगारी , गरीबी, जातीय-क्षेत्रीय न्याय की मांगें और राजनीतिक स्थिरता की चुनौती बनी रहेगी। नेपाल का लोकतंत्र आगे कैसा स्वरुप लेगा हम सबको प्रतीक्षा करनी पड़ेगी। *(विनायक फीचर्स)*

Previous Post

एसओजी/एएनटीएफ व कोतवाली अल्मोड़ा टीम ने 11.26 ग्राम स्मैक (हेरोइन) के साथ एक तस्कर दबोचा

Next Post

दैनिक राशिफल एवं पंचांग आइये जानते हैं कैसा रहेगा आपका दिन

Search

No Result
View All Result

ताज़ा खबरें

  • जागेश्वर हमारी आस्था और विश्वास का केंद्र है, इसे भव्य और दिव्य स्वरूप दिया जाएगा” — मुख्यमंत्री धामी
  • भूकम्पीय आपदा से निपटने को तैयार हो रहा अल्मोड़ा प्रशासन
  • एसएसपी अल्मोड़ा के कड़े एक्शन से नशे के सौदागरों पर ताबड़तोड़ कार्यवाही जारी
  • तुर्की में भूकंप के तेज झटके, कई इमारतें ढहीं – राहत एवं बचाव कार्य जारी
  • दैनिक राशिफल एवं पंचांग आइये जानते हैं कैसा रहेगा आपका दिन

Next Post
आज का पंचांग आइये जानते हैं कैसा रहेगा आपका दिन

दैनिक राशिफल एवं पंचांग आइये जानते हैं कैसा रहेगा आपका दिन

न्यूज़ बॉक्स में खबर खोजे

No Result
View All Result

विषय तालिका

  • Uncategorized
  • अपराध
  • आरोग्य
  • उत्तराखंड
  • कृषि
  • केरियर
  • खेल
  • ज्योतिष
  • देश
  • धार्मिक
  • मनोरंजन
  • महाराष्ट्र
  • मुंबई
  • मौसम
  • राजनीति
  • रोजगार
  • विदेश
  • व्यापार
  • शिक्षा

सम्पर्क सूत्र

मदन मोहन पाठक
संपादक

पता : हल्द्वानी - 263139
दूरभाष : +91-9411733908
ई मेल : devbhoominewsservice@gmail.com
वेबसाइट : www.devbhoominewsservice.in

Privacy Policy  | Terms & Conditions

© 2021 devbhoominewsservice.in

No Result
View All Result
  • उत्तराखंड
  • देश
  • विदेश
  • राजनीति
  • ज्योतिष
  • धार्मिक
  • खेल
  • मौसम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • रोजगार
  • कृषि
  • व्यापार

© 2022 Devbhoomi News - design by Ascentrek, Call +91-8755123999