🌞 अल्मोड़ा/हल्द्वानी, दिनांक – 12 नवम्बर 2025
ॐ श्री गणेशाय नमः।
श्री संवत् 2082, श्री शाके 1947, सिद्धार्थी नाम संवत्सर, रवि दक्षिणायन, शरद ऋतु, मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि — यह पावन दिवस श्री काल भैरवाष्टमी अर्थात् भैरव जयंती के रूप में सम्पूर्ण भारतवर्ष में श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जा रहा है।आज का यह पर्व भगवान भैरवनाथ जी की आराधना का परम श्रेष्ठ दिन है।
पौराणिक मान्यता के अनुसार भगवान भैरव, भगवान शिव के रौद्र रूप हैं — जो धर्म की रक्षा और अधर्म के नाश हेतु अवतरित हुए।
🔯 पंचांग विवरण
तिथि: मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष अष्टमी ,27 गते कार्तिक
पर्व: श्रीकाल भैरवाष्टमी, भैरव जयंती
वार: बुधवार
योग: राक्षस नाम योग
योगारंभ: मध्याह्न काल में
चंद्र स्थिति: सायं 6:35 बजे से सिंह राशि में प्रवेश
राहुकाल: प्रातः 11:53 से दोपहर 1:13 तक – इस काल में कोई भी शुभ कार्य वर्जित रहेगा।
अभिजित मुहूर्त: प्रातः 11:31 से 12:14 बजे तक – इस दौरान सभी शुभ कार्य संपन्न किए जा सकते हैं।
🕉️ श्री भैरवाष्टमी का धार्मिक महत्व
वरिष्ठ ज्योतिषाचार्य पंडित डाक्टर मदन मोहन पाठक ने बताया कि भैरवाष्टमी का दिन भगवान शिव के भैरव रूप की उपासना के लिए अत्यंत शुभ माना गया है। कहा जाता है कि इस दिन भगवान भैरव की आराधना करने से भय, रोग, ऋण, शत्रु तथा समस्त विघ्नों का नाश होता है।
शास्त्रों में वर्णित है कि “भैरव उपासना से शिव कृपा सहज प्राप्त होती है।”
भैरवाष्टमी के दिन प्रातः स्नान के उपरांत काले वस्त्र धारण कर श्री भैरवनाथ जी के मंदिर में जाकर सिंदूर, तेल, नारियल, काला वस्त्र, और खिचड़ी का भोग अर्पित करना अत्यंत फलदायी माना गया है।
“ॐ ह्रीं भैरवाय नमः” या “ॐ काल भैरवाय नमः” मंत्र का जप करने से व्यक्ति की कठिनाइयां, भय और आर्थिक संकट दूर हो जाते हैं।
🔱 पूजन विधि एवं उपाय
1. प्रातः स्नान कर शुद्ध वस्त्र धारण करें।
2. भगवान श्री गणेश जी की पूजा के पश्चात् भैरव जी का पूजन करें।
3. मंदिर या घर के उत्तर दिशा में श्री भैरव जी की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
4. उन्हें सिंदूर तिलक, काला वस्त्र, सरसों का तेल, खिचड़ी तथा नारियल अर्पित करें।
5. “ॐ काल भैरवाय नमः” मंत्र का कम से कम 108 बार जप करें।
6. सायंकाल काले कुत्ते को भोजन कराना और गौ माता को हरा चारा खिलाना अत्यंत शुभ माना गया है।
7. आज के दिन कोई भी बुरा कार्य, असत्य वचन या मांस-मदिरा का सेवन वर्जित है।
🌿 राशिफल – 12 नवम्बर 2025 (भैरवाष्टमी विशेष)
मेष: दिन सामान्य, मन खिन्न रहेगा। निर्णय सोच-समझकर लें, अनावश्यक यात्राओं से बचें।
वृषभ: दिन शुभ, संपत्ति लाभ, लंबित कार्य सिद्ध होंगे, धार्मिक यात्रा का योग।
मिथुन: सफलता के योग, पदोन्नति संभव, मान-प्रतिष्ठा बढ़ेगी।
कर्क: प्रेम-संबंधों में सफलता, पारिवारिक सुख, पदोन्नति के संकेत।
सिंह: सामान्य फल, वाद-विवाद से बचें, स्वास्थ्य का ध्यान रखें।
कन्या: कार्यक्षेत्र में सफलता, मान-सम्मान में वृद्धि।
तुला: आर्थिक पक्ष मजबूत, शत्रु पराजित होंगे, मन प्रसन्न रहेगा।
वृश्चिक: पारिवारिक सुख, संतान का सहयोग, मांगलिक कार्य सम्पन्न।
धनु: स्वास्थ्य का ध्यान रखें, विवादों से दूर रहें, आर्थिक स्थिति संतुलित।
मकर: कार्य में सफलता, स्वास्थ्य अनुकूल, प्रेम और पदोन्नति के संकेत।
कुंभ: यात्राओं का योग, व्यवसाय में लाभ, सम्मान में वृद्धि।
मीन: दिन शुभ, आर्थिक उन्नति, धार्मिक कार्यों में सहभागिता।
🌼 आज का विशेष संदेश
आज के दिन सभी 12 राशियों के जातक भगवान श्री गणेश जी की पूजा अर्चना करें —
“ॐ श्री गणेशाय नमः” मंत्र का जाप करें,
दूब अर्पित करें तथा गौशाला में जाकर गौ माता को हरा चारा खिलाएं। इससे विशेष पुण्य एवं जीवन में स्थिरता प्राप्त होती है।
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अल्मोड़ा, उत्तराखंड
(संबद्ध – भारतीय वैदिक ज्योतिष संस्थानम्, वाराणसी, उत्तर प्रदेश)
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