समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव का गढ़ कहे जाने वाले मैनपुरी में साइकिल की सवारी करने वाले अपनों ने ही जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में साइकिल पंचर कर दी। इसके साथ ही उन्होंने केसरिया खेमे के संग मिलकर कमल खिलाने में अहम भूमिका निभाई। परिणाम आने के बाद भाजपा जहां सपा के किले को ध्वस्त करने का जश्न मना रही है, वहीं सपा में मायूसी है। तीन दशक से जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर सपा के प्रत्याशी मनोज यादव को भाजपा प्रत्याशी अर्चना भदौरिया ने हरा दिया। शनिवार शाम को अर्चना भदौरिया को विजयी घोषित किया गया तो भाजपाइयों में खुशी की लहर दौड़ गई। विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा के लिए ये जीत बेहद अहम मानी जा रही है।
जिला पंचायत सदस्य के चुनाव में सपा समर्थित 13 प्रत्याशी जीतकर आए थे। भाजपा के आठ, निर्दलीय आठ और कांग्रेस के एक प्रत्याशी को जनादेश मिला था। निर्दलीय प्रत्याशियों में भी अधिकतर सपा के अपने बागी ही थे, जो टिकट न मिलने से नाराज होकर मैदान में उतरे थे। ऐसे में सपा को भरोसा था कि वह फिर तीन दशक से चले आ रहे इतिहास को दोहराते हुए जिला पंचायत अध्यक्ष बनाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हो सका।

