अल्मोड़ा वरिष्ठ ज्योतिषाचार्य पंडित डा मदन मोहन पाठक ने बताया मानव जीवन में प्रायः देव, ऋषि और पित्रृ तीन त्रृण होते हैं अमावस्या हर माह के कृष्ण पक्ष को आती है अमावस्या के दिन पितृ तर्पण, श्राद्ध करना सबसे उपयुक्त माना गया है। अमावस्या को तर्पण श्राद्ध करने से श्राद्ध करने से स्वर्गीय पितरों को मुक्ति मिलती है । अगर पितर किसी कारण बस अगर तृप्त नहीं हुए हैं या अधोगति को प्राप्त हुए हैं तो भी अमावस को तर्पण श्राद्ध करने से तृप्त होकर अपने धाम को चले जाते हैं। पितृ ऋण के कारण अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है । व्यक्ति की मान प्रतिष्ठा में कमी आती है।नाना प्रकार के दुःख संताप सताते हैं व्यक्ति कई प्रकार के रोगों से ग्रस्त हो जाता है। और गृह क्लेश अशांति रहती है जीवन में उलझनें बढ़ जाती है नाना प्रकार की निराशाओं का सामना करना पडता है इन सब कष्टों से छुटकारा पाने के लिए अमावस्या के दिन पितृों का तर्पण करने से सभी तरह के कष्टों से मुक्ति मिलती है। नौ जुलाई को दर्श अमावस्या तिथि पड़ रही है यह दिन पितृ दोष निवारण के लिए उपयुक्त रहेगा। अगर आपको भी पितृ दोष की वजह से समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, तो अमावस्या के दिन निकटतम तीर्थ क्षेत्र, हरिद्वार,गया या स्वयं घर पर भी पितरों के निमित्त तर्पण श्राद्ध करवाकर पितृ दोष के साथ हर तरह के ऋण से मुक्ति पा सकते हैं। प्रायः देव पित्रृ और ऋषि ऋण से मुक्ति हेतु पूजा अर्चना श्राद्ध तर्पण अवश्य कराएं जानकार वेदपाठी ब्राह्मण को बुलाकर शांति और विनम्र श्रधा भाव से पूजा संपन्न करवायें और भोजन बस्त्र दक्षिणा दान करें पूजा अर्चना श्राद्ध तर्पण के समय प्रार्थना करें मेरे मात्रृ वंश या पित्रृ वंश में कोई ऐसा व्यक्ति रहा हो जिसे जिसे पिण्ड दान ना मिला हो और वह अतृप्त हो तो वह इस तर्पण श्राद्ध से संतुष्ट हो समस्त चराचर जगत में जो असंस्कारी रहे है, जिनकी मृत्यु मां के गर्भ में ही हो गई है जिन्हें कोई पिंण्ड दान देने वाला ना हो वो सब हमारे द्वारा किए तर्पण श्राद्ध से तृप्त हो जाय जिन लोगों की कुंडली में राहु केतु खराब भाव पर स्थित हैं उन लोगों के जीवन में भी पित्रृ ऋण होता है अतः योग्य ज्योतिषी से कुंडली की सही गणना कर कुंडली में पित्रृ ऋण का पता अवश्य लगाएं और उचित समाधान करवा लें

