अल्मोड़ा—आज ड्रग एब्यूज़ दिवस पर राष्टीय दृष्टिहीन संघ में एक एक गोष्ठी हुयी! सबने नशीली दवा की लत पर चिंता प्रकट की! मुख्य अतिथि डॉ जे सी दुर्गापाल (पूर्व स्वास्थ्य निर्देशक) ने अपने संबोधन में कहा नशीली दवाये अधिकतर – मिर्गी, नीद नहीं आने की बीमारी, डिप्रेशन में थोड़ी मात्रा में दी जाती है जब युवा पीढ़ी इसे अधिक मात्रा में लेते है तो इसे नशा होने लगता है व इस लत को छुड़ाना फिर कठिन हो जाता है! इस वर्ष युवा लोगों से इसे न लेने के विषय में थीम दिया है -” सुनो पहले” अब युवा वर्ग से यही कहना है घर पर माता- पिता, स्कूल में गुरूजनों की ड्रग्स न लेने की बाते सुने! डॉ दुर्गापाल ने बतलाया पंजाब में सबसे अधिक नशीली दवाओं का कारोबार होता है!नशीली दवाये बाजार में अब आसानी से उपलब्ध नहीं होती है! यह योग्य चिकित्सक के पर्चे पर ही थोड़ी मात्रा में मिलती है! वैसे तो कोई भी दवा अधिक मात्रा में लेने पर नशा पैदा करती है, हमारे शरीर पर कुप्रभाव डालती है! खास तौर पर मस्तिष्क, दिल, लिवर, व आँखों में, हाथ पैर पर झन झनाहट पैदा करते हैं! इसे धीमा जहर कह सकते है! धीरे- धीरे पूरा शरीर खोखला हो जाता है!सरकार “भांग की खेती की बात करती है हमें देव भूमि को” उड़ता – पंजाब नहीं बनाना है “हमें प्राणयाम – योग खास तौर पर – अनुलोम, विलोम, भ्रामी – उदगीद करने को कहना चाहिए व धार्मिक पुस्तकें पढ़ने से बच्चों की दशा – दिशा बदली जा सकती है बच्चों को हमारी बात सुन्नी होगी! गोष्ठी में गायत्री परिवार व दृष्टिहीन संघ के महासचिव श्री सहित तमाम लोग थे डॉ डी के जोशी,चंद्रमनी भट्ट, गिरीश मल्होत्रा, दया कृष्ण कांडपाल, मनोज सनवाल, बालम नेगी, सुंदर लटवाल, केशर अधिकारी, भास्कर प्रसाद, भुवन आर्या, नितेज बनकोटी आदि! मौजूद रहे

