अल्मोड़ा दिनांक 14/1/2025 वरिष्ठ ज्योतिषाचार्य पंडित डा मदन मोहन पाठक ने बताया कि आज से माघ महात्म्य का पावन पवित्र मास प्रारंभ हो गया है । इस माह में विशेष रूप से मंगल ग्रह के उपवास प्रारंभ करना या माघ मास में जितने भी हफ्ते पड़े मंगल का व्रत करना अत्यंत शुभ कारक होता है, इस बार संक्रांति मंगल को पड़ गई है जिस कारण मंगल के उपवास अक्षय फल देने वाले हैं।जिनकी कुंडली में मंगल दोष है अथवा नहीं सभी इस माह मंगल के उपवास करने से उन्हें चल अचल संपत्ति एवं भूमि भवन वाहन संबंधी लाभ प्राप्त होते हैं। स्वास्थ्य उत्तम रहता है ।रक्त विकार एलर्जी कम होती है। रक्त से संबंधित सभी समस्याओं का समाधान माघ मास में मंगल के उपवास करने से होता है। जिनको संतान सुख नहीं प्राप्त हो पा रहा है वह भी अगर इस माह मंगल के उपवास करते हैं तो निसंदेह उन्हें संतान की प्राप्ति होती है। यह माह भगवान वेणी माधव को अति प्रिय है , इस मास में जो लोग पूरे महीने भर शुद्ध जल से स्नान करके एक बार भोजन कर और पवित्र भाव से विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र का पाठ श्री सत्यनारायण भगवान की व्रत कथा घर पर रामायण एवं सुंदरकांड का पाठ आयोजित करते हैं, तो उनके जीवन से समस्त दुख दूर हो जाते हैं पूरे माह शुद्ध जल से स्नान करने से, मनुष्य पाप मुक्त हो जाते हैं,और घर पर पुरोहित को बुलाकर श्री सत्यनारायण भगवान की कथा का आयोजन करने से मनुष्य के इस लोक के सारे दुख दूर होकर मनुष्य को समस्त सुख समृद्धि ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है और अंत में मनुष्य भगवान के श्री धाम को प्रवेश करता है यह माह कर्मकांड पूजा पाठ , यज्ञोपवीत संस्कार विवाह इत्यादि के लिए बहुत ही पवित्र माह माना गया है। इस माह में व्यक्ति को तमोगुण पदार्थ से दूर रहना चाहिए मीट मांस मदिरा इत्यादि का सेवन माघ मास में नहीं करना चाहिए ऐसा करने से भगवान विष्णु का अनुग्रह नहीं मिलता इस मास में माता सरस्वती के निमित्त वसंत पंचमी का अति पावन पर्व भी आता है। जिनके बच्चे मंदबुद्धि के हो या शिक्षा में जिन्हें लाभ नहीं हो पा रहा हो तो ऐसे लोग श्री बसंत पंचमी के दिन माता सरस्वती की पूजा अगर विधि विधान से करते हैं तो उनके बच्चों की मेधा शक्ति अच्छी रहती है ।इस मास में दैवज्ञ पंडितजी को खास तौर से खिचड़ी दान करने का भी बड़ा उल्लेख है तो इसमें शुद्ध चावल और उड़द तमाम प्रकार के शुद्ध मसाले अन्य वस्त्र दक्षिणा सहित पुरोहित को दान करने का बहुत ही अक्षय फल प्राप्त होता है। जो व्यक्ति श्री विष्णु प्रतिमा सोने में बनाकर विष्णु भगवान की मूर्ति बनाकर जो व्यक्ति विप्र को दान करता है एवं पीले वस्त्र पीले अनाज के साथ तो उसे व्यक्ति को दहिक दैविक भौतिक समस्त सुखों से लाभ मिलता है और उसके जीवन में समस्त दुख दूर होते हैं। जिन लोगों को देवगुरु बृहस्पति का उपवास प्रारंभ करना होता है उनके लिए भी यह माह अति पावन और पवित्र है। इस माह में श्री विष्णु भगवान के निमित्त जो व्यक्ति बृहस्पतिवार के उपवास करता है उसके जीवन से समस्त कसाय कलमश दूर हो जाते हैं, और उसे रिद्धि सिद्धि प्राप्त होती है धन-धान्य से उसका घर भर जाता है। और उसे सामाजिक प्रतिष्ठा और मान सम्मान प्राप्त होता है और घर में सुख शांति और ऐश्वर्य प्राप्त होता है। इस माह में की गई कथाएं भागवत पुराण, देवी पुराण अन्य कथाएं रुद्राभिषेक भगवान शिव शंकर की पूजा अर्चना करना भी अत्यंत फलदाई होता है। पूरे महीने ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करें शिव जी के मंदिर में जाकर जला अभिषेक करें। भगवान शिव की आराधना करें इससे भगवान शिव की प्रसन्नता आपको प्राप्त होती है और आपके घर में रिद्धि सिद्धि का वास होता है। विष्णु और शिव जो के एक दूसरे के पूरक हैं, दोनों की पूजा करने के लिए यह मन अति पवित्र माना जाता है। इस मास में पद्म (पदम्) के पत्ते भगवान विष्णु को चढ़ाए जाते हैं। श्री वेणी माधवाभ्याम नमः इस मंत्र का जाप नियमित 108 बार करने से आपको पुण्य प्राप्त होगा।

