कल दिनांक 25 मई को व्रत की पूर्णिमा है कल ही नृसिंह जयंती और मां छिन्नमस्ता जयंती भी है शास्त्रों के अनुसार पूर्णिमा का उपवास करने से मनुष्य के दैहिक दैविक भौतिक दुःख कट जाते हैं पौर्णमासी के व्रत में भगवान सत्यनारायण की पूजा अर्चना की जाती है तदोपरांत चंद्रोदय के बाद चंद्रमा की पूजा की जाती है चंद्रमा को अर्घ्य दूध मिश्रित जल अर्पित किया जाता है ऊं चंद्रमसे नमः इस मंत्र से नीराजन किया जाता है घर के सभी सदस्यों को प्रसाद वितरण किया जाता है सतोगुण युक्त भोजन किया जाता है

