उत्तराखंड में ई-रूपी प्रणाली और चार नई कृषि नीतियों की शुरुआत, सीएम धामी ने कहा – “कृषकों की समृद्धि हमारी प्राथमिकता”
– किसानों को मिलेगा मोबाइल पर सीधा डिजिटल लाभ
– ड्रैगन फ्रूट, कीवी, सेब व मिलेट मिशन से कृषि को मिलेगा नया आयाम
– गांव-गांव चलेंगे प्रशिक्षण अभियान
देहरादून, 17 मई 2025।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को सचिवालय में एक ऐतिहासिक पहल के तहत आधुनिक तकनीक पर आधारित ई-रूपी प्रणाली का शुभारंभ किया। इस डिजिटल प्रणाली के साथ ही राज्य की कृषि को नई दिशा देने के लिए मुख्यमंत्री ने चार महत्वाकांक्षी कृषि नीतियों – कीवी नीति, ड्रैगन फ्रूट योजना, सेब तुड़ाई उपरांत योजना तथा मिलेट मिशन – का भी शुभारंभ किया।
ई-रूपी प्रणाली: सीधे किसानों के मोबाइल पर पहुंचेगी सब्सिडी
मुख्यमंत्री ने कहा कि ई-रूपी प्रणाली किसानों के लिए पारदर्शी, तेज और बिचौलिया-मुक्त डिजिटल भुगतान की नई शुरुआत है। इस प्रणाली के अंतर्गत किसानों को दी जाने वाली सब्सिडी अब ई-वाउचर (SMS या QR कोड) के माध्यम से सीधे उनके मोबाइल पर भेजी जाएगी। ये वाउचर खाद, बीज, दवाइयों आदि की खरीद के लिए अधिकृत केंद्रों पर प्रयोग किए जा सकेंगे।
सीएम ने स्पष्ट किया कि पायलट परियोजना के सफल संचालन के बाद इसे राज्यभर में लागू किया जाएगा, जिससे अन्नदाता तकनीक के माध्यम से सीधे लाभ पा सकें।
चार नीतियों से कृषि को मिलेगा नया जीवन
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने राज्य के किसानों के लिए चार नीतियों की शुरुआत की:
1. कीवी नीति – पर्वतीय क्षेत्रों की जलवायु के अनुसार कीवी उत्पादन को बढ़ावा देने की योजना।
2. ड्रैगन फ्रूट नीति – पोषण से भरपूर इस फल की व्यावसायिक खेती को प्रोत्साहन।
3. सेब तुड़ाई उपरांत योजना – सेब की तुड़ाई के बाद रख-रखाव, भंडारण और विपणन हेतु आधुनिक समाधान।
4. मिलेट मिशन – मोटे अनाजों की खेती को बढ़ावा देकर पोषण और आय दोनों में वृद्धि।
मुख्यमंत्री ने कहा, “ये योजनाएं राज्य की कृषि विविधता को सशक्त बनाएंगी और किसानों की आमदनी बढ़ाने में निर्णायक भूमिका निभाएंगी।”
फ्लावर और हनी पॉलिसी जल्द
सीएम धामी ने जानकारी दी कि राज्य सरकार शीघ्र ही फूलों और शहद के उत्पादन को लेकर भी अलग नीति लाएगी, जिससे उत्तराखंड की जैविक विविधता और विपणन क्षमता को वैश्विक मंच पर पहुंचाया जा सके।
गांव-गांव चलेगा जागरूकता अभियान
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि गांव-गांव जाकर किसानों को ई-रूपी प्रणाली और नई नीतियों के बारे में प्रशिक्षित किया जाए। उन्होंने कहा, “जब तक तकनीक की जानकारी हर किसान तक नहीं पहुंचेगी, तब तक उसका पूरा लाभ संभव नहीं होगा। हमें हर खेत और हर किसान तक पहुंचना है।”
निष्कर्ष:
ई-रूपी प्रणाली और चार नई कृषि योजनाएं उत्तराखंड को एक आत्मनिर्भर, उन्नत और डिजिटल कृषि राज्य की दिशा में आगे बढ़ाएंगी। मुख्यमंत्री की यह पहल न केवल तकनीक को किसानों तक पहुंचाने का काम करेगी, बल्कि राज्य की
कृषि को एक नए युग में प्रवेश कराएगी।

