यों तो भारत वर्ष अनेक विद्वानों की जन्मस्थली रहा है जिन्होंने ज्योतिष के क्षेत्र में अपनी अग्रणी भूमिका निभाई है इसी क्रम मैं हम आपको एक ऐसी प्रतिभा का परिचय करा रहे हैं जिन्होंने उत्तराखंड ही नहीं अपितु सम्पूर्ण भारतवर्ष में ज्योतिष के क्षेत्र में उत्तराखंड का नाम रोशन किया है श्री ताराप्रसाद दिव्य पंचांग के जनक आचार्य डा रमेश चंद्र जोशी चित्रकूट रामनगर जिला नैनीताल प्रसिद्ध कथावाचक आपने आचार्य भाष्करानंद जी के पंचांग के बंद होने पर सम्पूर्ण उत्तराखंड में श्री तारा प्रसाद दिव्य पंचांग लाकर हम सभी को लाभान्वित किया है सम्पूर्ण ज्योतिष प्रेमियों को यह तोहफा से कम नहीं है इस पंचांग में की गई गढ़ना शुद्धता की कसोटी पर खरी उतरती हैं साथ ही सम्पूर्ण उत्तराखंड के तीज त्यौहार पर्व पर यह पंचांग अपनी कसौटी में खरा उतरा है आपके द्वारा दिए गए निर्णय शास्त्र सम्मत हैं अपने आठवें प्रकाशन पर आदरणीय जोशी को हार्दिक शुभकामनाएं यह पंचांग लगभग सभी ज्योतिषाचार्य पंडित पुजारी पुरोहित वर्ग के लिए किसी वरदान से कम नहीं है इस पंचांग ने अपने प्रथम प्रकाशन से ही जो गति पकड़ी है वो सराहनीय है आज यह पंचांग बड़े पैमाने पर पाठकों की पहली पसंद बन गई है डा आचार्य रमेश जोशी उच्च शिक्षित हैं आपने ज्योतिष में पीएचडी करने के साथ साथ संस्कृत में एमए किया है इसके साथ साथ आप पुराणेतिहासाचार्य भी हैं यह सब आपके प्रकांड विद्वान होने के सम्पूर्ण सबूत भी हैं साथ ही कथा वाचक होने के फलस्वरूप आप मानव संस्कृति को बचा रहे हैं अपने प्रवचनों के माध्यम से लोगों को धर्म संस्कृति से जोड़ कर उनका सर्वांगीण विकास भी कर रहे हैं आप के बारे में कुछ भी लिखना या कहना सूर्य नारायण को दीपक दिखाने जैसा है ।हम आपके दीर्घायु जीवन की कामना करते हैं।