पूर्व उपाध्यक्ष एन.आर.एच.एम.बिट्टू कर्नाटक ने माननीय मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड सरकार को एक ज्ञापन प्रेषित कर उन्हें अवगत कराया कि वर्तमान समय में कोरोना संक्रमण के कारण टैक्सी संचालक/चालकों को काफी समस्याओं से जूझना पड रहा है जिस कारण वे मानसिक एवं आर्थिक रूप से परिवार सहित पीडित हैं । कोरोना काल में आर्थिक रूप से कमजोर हो जाने के कारण वे अपने कर्मचारियों के वेतन आदि देने में भी असमर्थ हैं । उन्होंने कहा कि यह एक गम्भीर सोचनीय विषय है कि उत्तराखण्ड सरकार द्वारा इनकी समस्याओं की ओर ध्यान नहीं दिया गया जबकि पर्वतीय जनपदों में अधिकतर लोगों का व्यवसाय बेरोजगारी के कारण टैक्सी से जुडा हुआ है । बैंकों से ऋण लेकर ये युवा अपने व्यवसाय को चला रहे थे किन्तु महामारी में विगत डेढ वर्ष से व्यवसाय बन्द हो जाने के कारण बैंक का ब्याज दिन प्रतिदिन बढ रहा है । कोरोना संक्रमण काल में विगत डेढ वर्ष से पर्यटन व्यवसाय प्रभावित होने से टैक्सी संचालकों/चालकों की आर्थिक स्थिति अत्यन्त दयनीय हो गयी है । कर्नाटक ने मा0 मुख्यमंत्री जी से मांग की कि कतिपय अन्य राज्यों की भांति टैक्सी संचालकों/चालकों की निम्न समस्याओं का निराकरण स्वयं व्यक्तिगत रूचि लेकर तत्काल करें ताकि इस महामारी हुये गम्भीर आर्थिक नुकसान की भरपाई करने में मदद मिल सके-
1-अन्य राज्यों की भांति चालकों को रू. 5000/-प्रतिमाह आर्थिक सहायता या पेंशन स्वीकृत की जाय।
2- पर्यटन व्यवसाय प्रभावित होने से टैक्सी संचालकों/चालकों की आर्थिक स्थिति अत्यन्त दयनीय है अतः सभी टैक्सी वाहनों का दो वर्षो का टैक्स माफ किया जाय तथा दो वर्ष के लिये इन्श्योरेंस आगे बढाया जाय ।
3-सभी टैक्सी वाहनों के द्वारा लिये गये ऋण की अदायगी को दो वर्ष के लिये आगे बढाया जाय तथा ऋण के सापेक्ष ब्याज को माफ किया जाय

