पटना (बिहार)। बिहार में उच्च विद्यालयो में बहाली हेतु शिक्षा विभाग द्वारा मेरिट लिस्ट निकाले हुए महज 2 दिन ही बीते है और इनकी कार्यशैली पर सवाल उठना शुरू हो चुका है। बताते चलें की व्हाटसअप और फेसबुक में कई अभ्यर्थियों का मार्क्स डाला गया था जिसमें साफ-साफ कम अंक लाने वाले अभ्यर्थी मेरिट में थे और ज्यादा अंक लाकर भी मेरिट से बाहर। जब परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ नालन्दा के जिला मीडिया प्रभारी मिथिलेश कुमार ने इसकी पड़ताल की तो वायरल अंक बिल्कुल सही पाया गया। शिक्षा विभाग द्वारा भारी गड़बड़ी मेरिट लिस्ट बनाने में किया गया है। समाचार पत्र में प्रकाशित अंक पत्र के एप्पलीकेशन नंबर और जन्म तिथि अंकित कर रिजल्ट को देखा जा सकता है। ऐसे कई अभ्यर्थी है जिनके रिजल्ट में गड़बड़ी की गई है। इस संबंध में मिथिलेश कुमार ने बताया कि शिक्षा विभाग द्वारा केवल शिक्षकों को दोष दिया जाता है,लेकिन शिक्षा विभाग में सभी आलाधिकारी ही अयोग्य बैठे हुए है। यही कारण है कि शिक्षा व्यवस्था बिहार में पूरी तरह चौपट है। जिसे विभागीय अधिकारी अपनी गलती को छुपाने के लिए शिक्षकों पर थोप देते है।

