अब आपको ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए RTO जाकर ड्राइिंग टेस्ट देने की जरूरत नहीं पड़ेगी. सड़क और परिवहन मंत्रालय ने ड्राइविंग लाइसेंस के नियमों में बदलाव किया है, जिससे करोड़ों लोग जो ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने की कोशिश में लगे हैं, लेकिन वेटिंग लंबी होने की वजह से काफी समय लग रहा है, उन्हें अब ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा और न ही RTO के बार-बार चक्कर लगाने पड़ेंगे।
RTO जाकर टेस्ट देने की जरूरत नहीं।
सड़क और परिवहन मंत्रालय की ओर से जारी नए नियमों के मुताबिक कोई भी व्यक्ति जिसने किसी भी सरकारी मान्यता प्राप्त ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर से टेस्ट पास किया है तो उसे लाइसेंस के लिए अप्लाई करते वक्त RTO में होने वाले ड्राइविंग टेस्ट से मुक्त रखा जाएगा, यानी उसे RTO में ड्राइविंग टेस्ट नहीं देना होगा. उसका ड्राइविंग लाइसेंस प्राइवेट ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर के सर्टिफिकेट पर ही बना दिया जाएगा।
1 जुलाई से ड्राइविंग लाइसेंस के नए नियम
ड्राइविंग लाइसेंस के नए नियम 1 जुलाई से लागू हो जाएंगे, जो उन निजी ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर्स को ही काम करने की इजाजत देंगे, जिन्हें राज्य ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी की ओर से या फिर केंद्र सरकार की तरफ से मान्यता दी गई हो. इन ट्रेनिंग सेंटर्स की मान्यता 5 साल के लिए होगी, इसके बाद उन्हें सरकार से रीन्यूअल करवाना होगा. सरकार के इस कदम से निजी प्राइवेट ट्रेनिंग स्कूल की अलग से इंडस्ट्री खड़ी हो सकती।

