हल्द्वानी। मंगलवार के बाद अब गौला नदी में उपखनिज चुगान अंतिम दिन के लिए आठ हजार घनमीटर उपखनिज निकासी का लक्ष्य बचा है। जिसके बाद मंगलवार को वन निगम ने नदी के मात्र चार निकासी गेटो से उपखनिज निकासी करने का निर्णय लिया है। सोने की खान के नाम से पहचानी जाने जाने वाली गौला नदी से हर वर्ष सरकार को करोड़ों रुपए का राजस्व अर्जित होता है। इस बार भी मंगलवार को सरकार को करीब 235 करोड़ रुपए का राजस्व देने के बाद आज गौला नदी से खनन की निकासी बंद हो जाएगी। केंद्रीय मृदा संरक्षण अनुसंधान देहरादून की टीम द्वारा गौला नदी का सर्वे कर 32 लाख 97 हजार घनमीटर चुगान का लक्ष्य दिया था। अब मात्र आठ हजार घनमीटर उपखनिज चुगान का लक्ष्य बचा है। जिसके चुगान के लिए मंगलवार को वन निगम ने गौला नदी के इमलीघाट, बेरीपड़ाव, राजपुरा व शीशमहल गेट को खोलने का निर्णय लिया। जिसके बाद बुधवार से गौला नदी के सभी खनन निकासी गेटों को इस सीजन की समयावधि पूर्ण होने से 2 माह पूर्व ही बंद कर दिया जाएगा। जबकि गौला नदी में अतिरिक्त घन मीटर बढ़ाने के लिए संबंधित विभाग ने शासन को प्रस्ताव भेजा है जिस पर अब तक उत्तराखंड सरकार द्वारा कोई निर्णय नहीं लिया गया है।

